क्या है अरुणाचल के सीएम बंगले और वास्तु का रहस्य ?

ईटानगर
क्या अरुणाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री आवासगृह यानी सीएम बंगला मनहूस है? सीएम के बंगले और वास्तु शास्त्र के बीच क्या संबंध है? इस बंगले में रहने वाले हर मुख्यमंत्री के साथ कोई ना कोई घटना या हादसा क्यों होता है?
मंगलवार की सुबह इसी बंगले में रह रहे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की आत्महत्या के बाद ऐसे सवाल एक बार फिर उठने लगे है| पुल इस बंगले में रहने वाले प्रदेश के चौथे ऐसे मुख्यमंत्री थे जिन्हें काफी उतार-चढ़ाव देखना पड़ा, माना यह भी जा रहा है कि इन्हीं उतार-चढ़ावों की वजह से पूर्व मुख्य मंत्री कलिखो पुल आत्महत्या जैसा कदम उठाने का फैसला लिया|

प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ हो रहे इन हादसों से ऐसा माना जा रहा है कि सीएम के सरकारी आवास गृह में वास्तु दोष है| ऐसा मानना है गुवाहाटी के प्रसिद्ध वास्तु विशेषज्ञ राजकुमार झांझड़ी का I राजकुमार” का कहना है कि ” मैं 2-3 साल पहले प्रदेश के कांग्रेस के नेता के बुलावे पर सीएम का सरकारी बंगले का वास्तु देखने गया था, मैं ने उस बंगले में बहुत कुछ वास्तु दोष पाया था, और उन दोषों को दूर करने का उपाए भी उस समय के मुख्य मंत्री नाबम तुकी को बता दिया था I नाबम तुकी ने कुछ दोष तो ठीक भी करवाए थे I”
राजकुमार गुवाहाटी के जाने माने वास्तु विशेषग्य हैं और गत 15 वर्षों से इस कार्य में व्यस्त हैं I अब तक वह 15000 हज़ार से अधिक वास्तु दोषों को ठीक भी कर चुक हैं I वह इस कार्य के लिए किसी से पैसे नहीं लेते I
आगे राजकुमार बताते हैं कि ” मैं कुछ दिनों बाद फिर इटानगर गया था, उस समय मेरी नज़र एक बंगले पर पड़ीI बंगला बहुत सुंदर था, लेकिन उस बंगले को देखकर ही मुझे आभास हो गया था कि इसमें वास्तु दोष है I
मैं ने अपने मित्र से पूछा — ” यह बंगला किस का है ” उसे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा I
मेरे मित्र ने बताया कि यह मुख्य मंत्री नाबम तुकी का निजी बंगला है I
मेरे कहने पर मेरे मित्र ने नाबम तुकी को फोन कर बंगले का वास्तु दोष होने के बारे में बताया I
तुकी ने अपने भाई को मेरे पास भेजने की बात कही थी| लेकिन बाद में तुकी की पत्नी ने वास्तु शास्त्र में विश्वास नहीं होने की बात कहते हुए बंगले में कोई बदलाव नहीं किया| दुर्भाग्य की बात यह रही कि इस बंगले में शिफ्ट होने के कुछ ही दिन बाद नबाम तुकी के हाथ से सरकार चली गई और उन्हें काफी मुश्किलों के दौर से गुजरना पड़ा|
बंगले और वास्तु के संबंध में आगे राजकुमार बताते हैं कि ” इस घटना के बाद तुकी की पत्नी ने मुझे फिर फोन किया और बंगले के वास्तु को बदलने का अनुरोध किया|”
वास्तु विशेषज्ञ राजकुमार झांझड़ी का दावा है कि बंगले के वास्तु में जरा सा बदलाव करते ही सरकार एक दिन के लिए ही सही, एक बार फिर से नबाम तुकी के हाथ में आ गई और उनकी इज्जत बनी रही| लेकिन इस बंगले का वास्तु दोष पूरी तरह मिटा नहीं है|
अरुणाचल की राजधानी ईटानगर के नीति विहार इलाके में बने इस दो मंजिला सीएम बंगले में सबसे पहले मुख्यमंत्री के तौर पर दोर्जी खांडू रहने आए थे| बंगला बनने के कुछ ही महीनों बाद उन्होंने यहाँ शिफ्ट किया था, लेकिन 2011 में वे एक हेलीकाप्टर हादसे में मारे गए|
Dorji Khandu Jarbom Gamlin Nabam Tuki Kalikho Pul
खांडू की मौत के बाद मई 2011 में जारबम गामलिन प्रदेश के मुख्यमंत्री बने पर इस बंगले में रहते हुए उनका भी लगातार दिक्कतों से सामना होता रहा| नबाम तुकी के समर्थकों द्वारा गामलिन की नियुक्ति के विरोध में महीने भर चली हिंसा की वजह से अक्टूबर में गामलिन को इस्तीफा देना पड़ा| वे महज कुछ महीनों के लिए ही सत्ता पर काबिज रह पाए| नवंबर 2014 में बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई|
नबाम तुकी एक बार फिर सत्ता पर काबिज हुए, लेकिन इस बार उन्हें अपनी ही पार्टी के विधायकों की बगावत झेलनी पड़ी और फरवरी में उनके हाथ से सत्ता चली गई| ऐसे में कालिखो पुल सत्ता में आए| सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर नबाम तुकी को सत्ता तो मिली लेकिन उन्हें दोर्जी खांडू के पुत्र पेमा खांडू को अपना पद सौंपना पड़ा| इधर सत्ता हाथ से जाने के कुछ समय बाद कल कालिखो पुल ने आत्महत्या कर ली|
इन सभी घटनाओं पर नजर डाले तो सीएम के सरकारी बंगले और वास्तुशास्त्र के बीच किसी ना किसी संबंध का एहसास जरुर होता है| लेकिन क्या सही में अरुणाचल प्रदेश का यह सीएम बंगले में वास्तु दोष है , यह एक बड़ा सवाल है? I