ईटानगर
अरुणाचल प्रदेश लिटरेरी सोसाइटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपते हुए धोला-सदिया पुल का नाम डॉ. भूपेन हजारिका पर रखने का अनुरोध किया है| ई-मेल के जरिए भेजे गए अपने ज्ञापन में सोसाइटी ने प्रधानमंत्री को बताया है कि सदिया डॉ. भूपेन हजारिका का जन्मस्थान था|
सोसाइटी ने ज्ञापन में कहा है कि 1950 में बड़ा भूकंप आने से पहले सदिया NEFA का प्रशासनिक मुख्यालय था| भले ही सदिया असम के अंतर्गत आता है लेकिन डॉ. भूपेन हजारिका का जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश के लोअर दिबांग घाटी के बोलूँग गाँव में माना जाता है| डॉ. भूपेन हजारिका जिंदगीभर सभी जाति, धर्म की एकता और अखंडता के लिए अपने संगीत के जरिए काम करते रहे| इसलिए असम और अरुणाचल प्रदेश की जनता का यह सपना है कि सदिया में बनाए गए इस पुल का नाम डॉ. भूपेन हजारिका पर रखा जाए|
अरुणाचल प्रदेश लिटरेरी सोसाइटी ने बोलूँग गाँव में डॉ. भूपेन हजारिका की मूर्ति खड़ी की है जिसके लिए अरुणाचल प्रदेश सरकार ने पूंजी आवंटित की है| इस मूर्ति का अनावरण या तो डॉ. भूपेन हजारिका की जयंती पर यानी 8 सितंबर को या फिर उनकी पुण्यतिथि यानी 5 नवंबर को होगा| डॉ. भूपेन हजारिका की यह मूर्ति असम के प्रसिद्ध मूर्तिकार बिरेन सिन्हा ने बनाई है जो पहले भी गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र में खड़ी की गई लाचित बरफूकन की मूर्ति बना चुके है|