32 सदस्यीय विधानसभा सीट में से सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के 17 सीटें और सत्तारुढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंटको 15 सीटें मिली हैं ।
गंगटोक
सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग का 24 साल से चला आ रहा दौर खत्म हो गया जब उनकी पार्टी एसडीएफ राज्य विधानसभा चुनाव एसकेएम से हार गई । सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को 15 सीटें मिली जबकि 2013 में अस्तित्व में आये सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चे को 17 सीटें मिली जो 32 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिये जरूरी सीटों से एक अधिक है ।
सिक्किम में सत्ता के लिए जोरदार लड़ाई में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने आखिरकार सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट से सत्ता छीन ली है और महज 2 सीट के अंतर से बहुमत हासिल करते हुए लंबे इंतजार के बाद मोर्चा सत्ता पर काबिज हो रहा है.
पिछले 25 साल से सत्ता पर काबिज सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के बीच कांटे की जंग दिखी. 17वीं लोकसभा चुनाव के साथ हुए सिक्किम विधानसभा चुनाव में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को 17 सीटें मिली और उसने जरुरी बहुमत हासिल कर लिया। 32 सदस्यीय विधानसभा सीट में से सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के 17 सीटें और सत्तारुढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंटको 15 सीटें मिली हैं ।
इससे पहले सिक्किम विधानसभा के लिए एक चरण में 11 अप्रैल को वोट डाले गए. सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) एक बार फिर राज्य में वापसी की कोशिशों में लगी थी, लेकिन जोरदार मुकाबले के बाद उसे हार मिली। राज्य के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग पांच बार यहां के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और छठी बार मैदान में उतरे थे।
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पिछले 25 साल से सत्ता पर काबिज थी. इससे पहले इस राज्य में सिक्किम संग्राम परिषद का अच्छा खासा प्रभाव था. पिछले विधानसभा में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का 22 विधानसभा सीटों पर कब्जा था, जबकि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के 10 विधायक थे।
साल 2009 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सूबे की सभी 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी और सभी राजनीतिक पार्टियों का पत्ता साफ कर दिया था.