नई दिल्ली
जब भी कभी सड़क में चलते हुए, बाज़ार करते हुए या सफ़र करते हुए प्यास लगती है तो आप फ़ौरन बोतल बंद पानी खरीद लेते हैं और उसे पी कर अपनी प्यास बुझा लेते हैं. लेकिन बोतल बंद पानी पीने की यह आदत आप के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है.
दरअसल हाल ही में हुए एक अध्ययन में दुनिया में बिकने वाली 90 प्रतिशत बोतलों में प्लास्टिक के छोटे कण पाए गए हैं. ये अध्ययन अमेरिका के स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के वैज्ञानिकों ने किया है. दुनिया के कई देशों से इकट्ठा की गईं 11 ब्रांड की 259 बोतलों पर अध्ययन किया गया. इनमें से 90 प्रतिशत बोतलों में प्लास्टिक के कण पाए गए.
अमेरिका स्थित स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के वैज्ञानिकों ने दुनिया में बिकने वाली पानी की बोतलों पर हाल ही में अध्ययन किया और इसके परिणाम काफी चौंकाने वाले हैं. वैज्ञानिकों ने ब्राजील, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मेक्सिको, लेबनान, केन्या, थाईलैंड और अमेरिका से पानी के सैंपल लिए. इन देशों से 11 ब्रांड की 259 बोतलें मंगाई गईं.जिसपर वैज्ञानिकों ने शोध किया. भारत में दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के 19 जगहों से पानी की बोतलें ली गईं.
पानी में मिला पॉलीप्रोपाइलीन और नाइलॉन
शोध में 93 प्रतिशत बोतल बंद पानी में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया है. इसके साथ ही पानी में पॉलीप्रोपाइलीन, जिसका इस्तेमाल बोतल का ढक्कन बनाने में किया जाता है, सबसे ज्यादा पाया गया. पानी में 54 प्रतिशत पॉलीप्रोपाइलीन और 16 प्रतिशत नाइलॉन मिला है. ये नल के पानी पर किए गए पिछले शोध से दोगुना है. शोध में कहा गया है कि पानी में सबसे ज्यादा प्लास्टिक पानी की बोतल भरते वक्त आता है. 9 देशों के 11 ब्रांड की 259 बोतलों में से केवल 17 बोतलें ऐसी थीं जिनमें प्लास्टिक के कण नहीं पाए ग.
बिसलेरी ब्रांड में पाया गया प्लास्टिक
इस स्टडी में भारत के ब्रांड बिसलेरी को भी शामिल किया गया था. बिसलेरी और एक्वाफीना ब्रांड, जो भारतीय बाजारों में आम हैं, उनके पानी में भी प्लास्टिक के कण पाए गए हैं. शोध में चेन्नई से लिए गए बिसलेरी के सैंपल में 5,000 माइक्रोप्लास्टिक कण पाए गए. एक लीटर पानी की बोतल में औसतन 10.4 प्रतिशत माइक्रोप्लास्टिक पाया गया. पानी की बोतल में 10,000 माइक्रोप्लास्टिक कण तक पाए जा सकते हैं. इंटरनेशनल ब्रांड नेस्ले के प्यूर लाइफ में 10,000 प्लास्टिक के कण पाए गए.
पानी का बचाव करने कंपनियां आयीं आगे
जिन 11 ब्रांड्स की बोतलों पर शोध हुआ है, वो हैं- एक्वा और इवियन (डैनॉन), एक्वाफीना और इपुरा (पेप्सीको), बिसलेरी (बिसलेरी इंटरनेशनल), दसानी (कोका कोला), गेरोलस्टीनर (गेरोलस्टीनर ब्रुनन), मिनाल्बा (ग्रुप एडसन क्वीरोज), नेस्ले प्यूर लाइफ और सैन पेलीग्रिनो (नेस्ले) और वाहाहा (हंगजाउ वाहाहा ग्रुप)। इन सभी कंपनियों ने अपने बोतल बंद पानी का बचाव करते हुए कहा है कि वो सफाई और सुरक्षा के कड़े इंतजाम रखते हैं.