गुवाहाटी
इंतज़ार ख़त्म हुआ और असम में बीती रात नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस ( एनआरसी NRC ) का पहला ड्राफ्ट जारी कर दिया गया, जिस में असम के 3.29 करोड़ लोगों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम है। जिन लोगों के नाम इस ड्राफ्ट में है उन्हें अब भारतीय कानून के मुताबिक कानूनी रूप से भारतीय नागरिक माना जाएगा।
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया शैलेष ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बात की जानकारी दी। जिन लोगों के नाम पहली सूची में नहीं आई है उनका अभी भी वेरिफिकेशन जारी है। दूसरी लिस्ट में उनका नाम हो सकता है।
शैलेष ने कहा, ‘यह पहला ड्राफ्ट है। इसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम हैं, जिनका वेरिफिकेशन हो गया है। जैसे ही वेरिफिकेशन का काम पूरा होता जाएगा, वैसे ही हम अन्य ड्राफ्ट भी जारी कर देंगे ।’
लेकिन अगली सूची कब जारी कि जाएगी इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के हिसाब से होगा। स्टेट कॉर्डिनेटर हजेला ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया को साल 2018 में पूरा कर लिया जाएगा।
दरअसल यह प्रक्रिया 2013 से चल रहा है। इसके जरिए सिटिजनशिप और अवैध प्रवासियों का मुद्दा सुलझाने का प्रयास है।
असम में बांग्लादेश से नागरिक आते रहे हैं। मौजूदा प्रक्रिया साल 2005 में कांग्रेस शासन के दौरान शुरु हुई थी और बीजेपी के सत्ता में आने के बाद इसमें तेजी आई। इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रख रहे सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि 31 दिसंबर तक एनआरसी का पहला मसौदा प्रकाशित किया जाए।