गुवाहाटी
असम के दो जाने माने शिक्षण संस्थानों के मालिकों की आपसी रंजिश इन दिनों अखबारों औ टीवी चैनलों के सुर्ख़ियाँ बनी हुयी हैं. जी हाँ दोनों मालिकों के बीच बिना सामने आये सर्द जंग जारी है. हम बात कर रहे हैं रॉयल ग्लोबल स्कूल के अध्यक्ष अशोक पंसारी और खानापाड़ा तथा जोरहट डीपीएस के मालिक तथा गुवाहाटी डीपीएस के पार्टनर रामावतार बुडाकिया की. दोनों के बीच आपसी रंजिश कब और क्यों शुरू हुयी यह तो नहीं मालूम लेकिन पिछले एक सप्ताह से इन दोनों के बीच की रंजिश अखबारों और टीवी चैनलों की सुर्खियाँ बनी हुयी हैं.
लगभग सप्ताह भर पहले स्थानीय टीवी चैनलों में एक खबर दिखाई गयी, खबर के अनुसार गढ़चुक स्थित शहर के अग्रणी शिक्षण संस्थान रॉयल ग्लोबल स्कूल पर धीरेन बोरो नामक एक शख्स की जमीन हथियाने का आरोप लगाया गया था. धीरेन बोरो खुद टीवी चैनल को बाईट दे रहा था. उस ने टी वी चैनलों को यह भी कहा की इस सन्दर्भ में उस ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है.
लेकिन दो दिन बाद ही इस खबर में एक नया मोड़ तब आ गया जब एक स्थानीय न्यूज पोर्टल ने यह खबर छापी की धीरेन बोरो द्वारा अशोक पंसारी पर लगाया गया आरोप ग़लत है. इस न्यूज़ पोर्टल को दिए गए अपने इंटरव्यू में धीरेन कह रहा था की उस ने खानापाड़ा और जोरहट डीपीएस के मालिक रामावतार बूडाकिया के कहने पर ऐसा किया है जिस का उसे अफ़सोस है और अब उस ने पुलिस में की गयी शिकायत वापस ले ली है.
आखिर सच किया है यह जान्ने के लिए NESamachar ने तीनो से सम्पर्क करने का फैसला किया. हालांकी धीरेन बोरो से संपर्क नहीं हो सका लेकिन रामावतार बूडाकिया और अशोक पंसारी से जो बात हुई उस से यह साफ़ हो रहा था कि आपसी रंजिश ही मीडिया वार में बदल गया है.
जब NESamachar ने रामावतार से सम्पर्क साधा और धीरेन बोरो द्वारा उन पर लगाये गए आरोपों का सत्य जानना चाहा तो रामावतार ने अपने ऊपर लगाये गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें बदनाम करने की एक साज़िश बताया और अशोक पंसारी पर एक दूसरा आरोप गढ़ दिया जिस के बारे में NESamachar को जानकारी भी नहीं थी.
खबर एक और नया मोड़ ले रही थी और ज़मीन हथियाने का मामला कहीं पीछे छूट रहा था.
रामावतार ने NESamachar को बताया कि अशोक पंसारी के खिलाफ उन्होंने खुद खानापाड़ा और दिसपुर पुलिस थाने में मामले दर्ज करवाए हैं जिसमें उन्होंने अशोक पंसारी पर आरोप लगाया था कि अशोक पंसारी ने उन्हें प्रोजेक्ट से हटाने के लिए उन के आर्किटेक्ट विजय गुप्ता को व्हाट्सएप के जरिए धमकी दी थी. साथ ही उनके खिलाफ सीबीआई केस चलने का झूठा आरोप लगाया था. रामावतार का कहना है कि ऐसा करके पंसारी ने उनकी और दिल्ली पब्लिक स्कूल की छवि धूमिल करने की कोशिश की है.
हम दोनों से सम्पर्क साध रहे थे एक प्रश्न का सत्य जान्ने के लिए लेकिन अब हमारे पास दो प्रश्न थे, सो हम ने जब अशोक पंसारी से सम्पर्क साधा तो उन से दोनों ही प्रश्न का सत्य जानना चाहा. एक जो धीरेन बोरो ने उन पर पहले ज़मीन हड़पने का आरोप लगया और फिर उस से मुकर गया. दूसरा जो उन पर रामावतार ने आरोप लगाया था .
NESamachar द्वारा यह प्रश्न पूछने पर अशोक पंसारी ने जो पहले दो शब्द कहे वोह थे ” आपसी रंजिश ” . आगे अशोक पंसारी ने कहा कि ” जहां तक ज़मीन हथियाने का आरोप है उसे खुद धीरेन बोरो साफ़ कर चुका है. धीरेन ने खुद पुलिस को बताया है की उस ने किस के कहने पर और किस के दबाव पर मुझ पर आरोप लगाया था और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. उस ने लिखित रूप में अपनी ग़लती को स्वीकारा है और दर्ज शिकायत वापस ली है. इस लिए इस बारे में अब मुझे कुछ नहीं कहना है “.
” जहां तक सवाल है रामावतार द्वारा लगाये गए आरोप का और उस के द्वारा मेरे खिलाफ मामला दर्ज करवाने का उस बारे में मेरा यही कहना है कि .. ” हर किसी को यह अधिकार है की वह किसी व्यक्ती के बारे में अच्छी या बुरी राय रखे, यह कोई अपराध नहीं है. हाँ मैं ने रामावतार के प्रती अपनी राय उस के किसी जानने वाले को दी थी’ यह मेरी अपनी राय थी, मैं ने कोई आरोप नहीं लगाया था. इस बात को ले कर रामावतार ने पहले असम के CID विभाग में मेरे खिलाफ शिकायात दर्ज करवाई लेकिन जब बात नहीं बनी तो उसी आधार पर उस ने मेघालय में मामला दर्ज करवा दिया क्योंकि वहाँ पुलिस विभाग में उस की पकड़ है. लेकिन क़ानून तो देश भर में एक ही है, इस लिए मुझे आशा है कि वहां भी मेरे खिलाफ कोई कारवाई का मौक़ा नहीं मिलेगा “.
बहर-ए-हाल, सच किया है और झूठ किया, कौन सच्चा है और कौन झूठा यह फैसला करना हमारा काम नहीं है. धीरेन बोरो पहले सही कह रहा था या बाद में सही कह रहा है इस का फैसला पुलिस करगी. लेकिन रामावतार बूडाकिया और अशोक पंसारी से बात करने के बाद यह साफ़ हो गया था कि, मामला केवल आपसी रंजिश का है जो अखबारों और टीवी चैनलों की सुखियाँ बन रहा है.