शिक्षा मंत्री ने ली सरकारी स्कूलों के खराब प्रदर्शन के लिए शिक्षकों की क्लास
गुवाहाटी
शिक्षा मंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को राज्य के 124 सरकारी उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की जमकर क्लास ली| परीक्षा में सरकारी स्कूलों के खराब प्रदर्शन के लिए उन्होंने कई प्रधानाध्यापकों को अन्य विद्यालयों में तबादले का तो कइयों को सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का कड़ा निर्देश दिया|
इस दौरान प्रादेशीकृत स्कूलों के परीक्षा परिणाम, प्रदर्शन एवं शिक्षकों की गुणवत्ता आदि सभी तथ्यों को खंगालने के बाद शिक्षा मंत्री ने फर्जीवाड़े के तहत मंजूरीकृत विद्यालयों की सरकारी मंजूरी रद्द करने का भी निर्देश दिया|
सोमवार को बामुनीमैदाम स्थित असम माध्यमिक शिक्षा परिषद (सेबा) के सभागार में हाल ही में संपन्न मैट्रिक परीक्षा परिणामों के आधार पर सरकारी मंजूरीकृत विद्यालयों की समीक्षा के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया था| बैठक में राज्य के कुल 124 प्रादेशीकृत विद्यालयों के प्रधानाध्यापक सहित विद्यालय निरीक्षकों को भी बुलाया गया था|
बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री उस समय अचरज में पड़ गए जब उनको स्वयं विद्यालय प्रमुखों से ही यह जानकारी मिली कि कुछ विद्यालयों के प्रादेशीकरण के बाद अचानक उन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या घट गई| शिक्षा मंत्री ने एक-एक कर विद्यालय प्रमुखों को मंच पर बुलाया और स्कूल से संबंधित तथ्यों की बारीकी से जानकारी ली|
हिमंत ने इस दौरान कामचोर शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा फर्जीवाड़े के तहत मंजूरी पाने वाले विद्यालयों की मंजूरी रद्द करने का कड़ा निर्देश दिया| मंत्री ने खराब प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों की सूची बनाकर ऐसे स्कूलों के प्रमुखों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का भी फरमान जारी कर दिया|
इसके अलावा विद्यालय एकीकरण की पहल के तहत इस सभा में ही मंत्री ने एक किलोमीटर के दायरे में रहे तथा एक ही परिसर में रहे विद्यालयों के एकीकरण का भी निर्देश दिया|