छह जनसमुदायों द्वारा आहूत 12 घंटे का असम बंद, जनजीवन प्रभावित
गुवाहाटी
अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग में छह जनसमुदायों द्वारा आहूत 12 घंटे के असम बंद के दौरान आज सुबह कई स्थानों में जनजीवन प्रभावित हुआ| राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा कोच-राजवंशी, मोरान, मटक, चुतिया, ताई अहोम और आदिवासी चाय जनसमुदाय को वंचित किए जाने के आरोप लगाकर इस बंद का आह्वान किया गया है|
बंद समर्थकों ने ऊपरी तथा निचले असम के कई जिलों में टायर जलाकर राष्ट्रीय राजमार्ग का घेराव किया और वाहनों की आवाजाही रोककर विरोध प्रदर्शन किया| सुबह 5 बजे से सभी दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखा गया है|
इन संगठनों का आरोप है कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो इन समुदायों को जनजाति का दर्जा दिया जाएगा| पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले भी इस बात को दोहराया गया| लेकिन कोई काम नहीं हुआ|
संगठनों का कहना है कि भगवा दल नई दिल्ली और राज्य में सत्ता में आई लेकिन बावजूद उसके जब जनजातिकरण का दर्जा नहीं दिया गया तो मजबूरन पिछले साल से छह जनगोष्ठी एक्य मंच को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा|