राष्ट्रीय तीरंदाज कंसाई बरग्यारी चलाते हैं ऑटो रिक्शा
कोकराझाड़
असम को गौरवान्वित करने वाले राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाज कंसाई बरग्यारी आज ऑटो रिक्शा चलाकर अपना जीवन-निर्वाह करने पर मजबूर है| यह एक खिलाड़ी की दर्दनाक हकीकत है|
कोकराझाड़ जिले के बताबाड़ी सिम्बरगाँव का निवासी पूर्व तीरंदाज और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कंसाई बरग्यारी आज अपने परिवार का भरण-पोषण ऑटो रिक्शा चलाकर करते है| झारखंड राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले कंसाई बरग्यारी को अपनी गरीबी और खिलाड़ियों के प्रति सरकार की उदासीनता की वजह से तीरंदाजी में अपना करियर बीच में ही छोड़ना पड़ा था|
बरग्यारी का कहना है कि आने वाले समय में अगर सरकार उस पर ध्यान देती है तो वह अपना करियर पुनः शुरू करना चाहेंगे| सन 2008 में तीरंदाजी में अपने करियर की शुरुआत करने वाले कंसाई बरग्यारी ने कुल 22 मैडल जीते जिनमें तीन गोल्ड मैडल थे जो उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय चैंपियनशीप में जीते| सन 2012 में उन्हें मजबूरन अपना करियर समाप्त करना पड़ा|
कंसाई को उम्मीद है कि अगर सरकार उनकी मदद करती है तो वे एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर असम का नाम रौशन करेंगे|