ईराक में 39 भारतीयों की मौत की खबर से देश भर में पसरा मातम
नई दिल्ली
इराक के मोसुल में 2014 में इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा अगवा किए गए 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि के बाद 39 परिवारों के साथ साथ पूरे देश में मातम पसरा है.
इराक के मोसुल में मारे गए मंजिंदर सिंह के परिजन उनकी मौत की खबर मिलते ही बदहवास हो गए हैं। घर में मातम छाया हुआ है. मंजिंदर की बहन गुरपिंदर कौर ने कहा, पिछले चार साल से विदेश मंत्रालय हमसे कह रहा था कि वे जिंदा हैं, पता नहीं कि अब किस पर यकीन किया जाए. मैं उनसे बात करने के लिए इंतजार कर रही थी, हमें कोई जानकारी नहीं मिली. अब हमने संसद में उनके बयान को सुना.
पति दविंदर सिंह की मौत की पुष्टि पर पत्नी मंजीत कौर रोते हुए बोलीं, मेरे पति 2011 में इराक गए थे और मेरी उनसे आखिरी बार बात 15 जून 2014 को हुई थी. हमें हमेशा कहा गया कि वह जिंदा हैं.
जालंधर के ही रहने वाले अन्य मृतक सुरजीत कुमार मेनका की पत्नी कहती हैं, मेरे पति 2013 में इराक गए थे और 2014 में उन्हें अगवा कर लिया गया था. अब मेरा सिर्फ एक छोटा बच्चा है, और कोई नहीं.
इराक में मारे गए बिहार के सिवान निवासी विद्या भूषण तिवारी के चाचा पुरुषोत्तम तिवारी ने कहा, मुझे नहीं पता क्या कहूं. 2014 से मैं सरकार से उसे किसी तरह वापस लाने की सिफारिश कर रहा था और आज वह कहते हैं कि वह अब नहीं रहा. वहीं, इराक में मारे एक भारतीय के एक भाई ने बताया कि दो बार डीएनए टेस्ट लिया गया लेकिन उन्हें उनके भाई की कोई जानकारी नहीं दी गई.
मृतक के भाई ने कहा, हमें जानकारी मिली थी कि हमारे भाई को आतंकियों ने अगवा कर लिया है. उसके बाद हमें उनके बारे में कुछ भी पता नहीं चल. दो बार मेरा डीएनए टेस्ट किया गया लेकिन कोई सूचना नहीं दी गई.
इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहा कि रडार के इस्तेमाल से भारतीयों के शवों का पता लगाया गया. शवों को कब्रों से निकाला गया और डीएनए के जरिए पहचान की पुष्टि हो सकी. उन्होंने कहा, शवों को डीएनए जांच के लिए बगदाद भेजा गया था.
38 भारतीयों के डीएनए का मिलान हो गया है. ये सभी मजदूरी का काम करते थे और अधिकांश पंजाब से थे. इन्हें मोसुल में इराक की कंपनी ने नियुक्त किया था. साल 2014 में जब आईएस ने इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल को अपने कब्जे में लिया था तब इन भारतीयों को बंधक बना लिया था. इराकी सुरक्षाबलों द्वारा आईएस के चंगुल से मोसुल को आजाद कराए जाने के बाद विदेश राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने इराक का दौरा किया था.
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