सिक्किम- बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं से राज्य सरकार चिंतित
गैंगटॉक
आत्महत्त्या की घटनाएं हर राज्य में होती हैं, लेकिन शायद ही कोइ राज्य सरकार आत्महत्त्या से जुडी घटनाओं को गंभीरता से लेती हैI लेकिन सिक्किम सरकार अपने राज्य में बढ़ती आत्म्हत्त्याओं से चिंतित है और आत्महत्याओं को रोकने के लिये केंद्र सरकार से आत्महत्या रोकथाम शोध केंद्र स्थापित करने की मांग की है। पिछले दिनों सिक्किम में डायबिटीज, रक्तचाप के रोगियों की बढ़ती संख्या के साथ आत्महत्याओं के मामले भी बढ़ रहे हैं।
बढ़ती आत्महत्याओं की घटनाओं को रोकने के लिये राज्य सरकार ने चार जिलों में विशेष रूप से स्वास्थ्य अधिकारियों को तैनात किया है। ये अधिकारी लोगों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृति के कारणों का अध्ययन कर रहे है। इसके अलावा एक हेल्प लाइन भी शुरू की गई हैं। हेल्प लाइन के जरिये काफी लोगों को आत्महत्या करने से बचाया भी गया है।
अध्धयन में यह भी पाया गया है कि खानपान की वजह से डायबिटीज एवं रक्तचाप के रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है I अधिकारीयों के अनुसार नमक का अधिक इस्तेमाल करने से यहां के लोगों में रक्तचाप बढ़ रहा है I अधिक मात्रा में खान-पान और श्रम रहित जीवन शैली ने भी डायबिटीज के रोगी बढ़ा दिये है।
राज्य में मेडिकल कॉलेज नहीं होने तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी कमी है I हालांकी एक निजी संस्था के सहयोग से स्थापित अस्पताल में कुछ विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध है, लेकिन गंभीर बीमारी पर वहां इलाज संभव नहीं हैं। गंभीर बीमारी से पत्रेशान रोगियों को दिल्ली भेजा जाता है, जहां ग्रीन पार्क में इनके रहने की सुविधा की गई है।
मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग लम्बे समय से की जा रही है। एक हजार बिस्तरों के अस्पताल के निर्माण का काम शुरू हो गया है, इसके बाद शायद मेडिकल कॉलेज का रास्ता भी खुलजाए I