सेबा के मैट्रिक परीक्षार्थियों को अब सिर्फ 5 फीसदी ग्रेस मार्क
गुवाहाटी
इस साल के मैट्रिक परीक्षार्थियों को किसी तीन विषयों में सिर्फ 5 फीसदी ही ग्रेस मार्क दिए जाएंगे| यानी परीक्षार्थियों को उत्तीर्ण होने के लिए अब सिर्फ तीन विषयों में ही ग्रेस मार्क मिलेंगे| जिन तीन विषयों में परीक्षार्थियों को कम अंक मिलेंगे उन्हीं विषयों में ही उसे ग्रेस मार्क की मदद मिलेगी तथा इससे अधिक विषयों में ग्रेस मार्क नहीं दिए जाएंगे|
सेबा द्वारा मैट्रिक परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या अधिक दिखाने के लिए 40 फीसदी ग्रेस नंबर देने की पूर्व सरकारों की कथित परंपरा के बाद इस साल सोनोवाल सरकार ने राज्य के चार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस गंभीर विषय पर आगे की पहल तय करने का जिम्मा सौंपा था| कुलपतियों ने सोमवार को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी|
सौंपे गए रिपोर्ट में इस बार मैट्रिक परीक्षार्थियों को 5 फीसदी ग्रेस मार्क देने का सुझाव दिया गया है| पूर्व में यह आंकड़ा 40 फीसदी तक पहुँच गया था| रिपोर्ट में कुलपतियों ने मैट्रिक परीक्षा में दिए जाने वाले ग्रेस मार्क से संबंधित सुझावों के अलावा अन्य कई सुझाव भी दिए हैं|
पिछले दिनों राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने यह सनसनीखेज खुलासा किया था कि पूर्व सरकार के शासन में मैट्रिक परीक्षा में ग्रेस मार्क देकर उत्तीर्ण कर दिया जाता था| इसके परिणामस्वरुप शिक्षा व्यवस्था का स्तर गिरता रहा| फिर मंत्री हिमंत ने आंकड़ों के हवाले से हाल ही में संपन्न विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सदन को बताया कि सन 2001 से मैट्रिक परीक्षार्थियों को नंबर बढ़ा देने की परंपरा बढ़ती गई| इसमें शिक्षक या शिक्षाविदों का कोई दोष नहीं है बल्कि राजनीतिज्ञ ही इसके लिए जिम्मेदार हैं|
इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करने के लिए सरकार ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय, कृष्णकांत हैंडिक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय और कुमार भाष्कर वर्मा संस्कृत एवं पुरातन अध्ययन विश्वविद्यालय के कुलपतियों को दायित्व सौंपा था|