गुवाहाटी
गुवाहाटी गौशाला के वृन्दावन गार्डेन में 11 दिसंबर से सात दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ आरंभ होने जा रहा है, जिस सन्दर्भ में आज कलश यात्रा निकाली गयी I इस ज्ञान यज्ञ का आयोजन श्रीराम कथा सत्संग समितिम गुवाहाटी द्वारा किया जा रहा है I 26 हजार वर्गफुट के पंडाल में श्रोताओं के बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की गई है I वृंदावन स्थित वात्सल्य ग्राम की आकर्षण प्रदर्शनी भी पंडाल के पास रहेगी I
“NESamachar से बात चीत करते हुए आयोजन समित्ती के सदस्य अशोक धानुका ने बताया कि 11 दिसंबर से 17 दिसंबर तक चलने वाले इस ज्ञान यज्ञ में साध्वी ऋतंभरा हर रोज़ श्री राम कथा सुनाएंगी I इस श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ जन वात्सल्य ग्राम, वृंदावन में निर्माणाधीन श्री मंरालापीठ निर्माण में सहयोग के लिए कराया जा रहा है।
हर विशेष कार्य का शुभारम्भ कलश यात्रा से किया जाता है I सप्ताह भर चलने वाले इस श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का आरंभ भी कलश यात्रा से किया गया I शुक्लेश्वर मंदिर से एक भव कलश यात्रा निकालाई गयी जिस में स्वयं साध्वी ऋतंभरा शामिल हुईं I कलश यात्रा एमजी रोड, एमएस रोड होते हुए साधना मंदिर पहुँची I गाने -बाजे व नृत्य दल के साथ मयुर रथ पर विराजमान साध्वी आठ्गावं होते हुए गोशाला पहुँची, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया।
11 दिसंबर को असम के मुख्य मंत्री सर्वानन्दा सोनोवाल श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का औपचारिक रूप से उटूघाटन करेंगे। इस अवसर पर विशिष्ट अतिधि के रूप में सासंद रमेन डेका भी उपस्थित रहेगें। 14 दिसंबर को राम विवाह प्रसंग के उपलक्ष्य में असम के राज्यपाल जगदीश मुखी मुख्य अतिधि के रूप में उपस्थित रहेंगे। 17 दिसंबर को राम राजयाभिषेक प्रसंग के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री हिमंत विश्व शर्मा भाग लेंगे।
जानिए पूज्या साध्वी ऋतम्भरा के बारे में
पूज्या साध्वी ऋतम्भरा आध्यात्मिक हिन्दू नेत्री हैं, दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा जी केवल एक संत नहीं है, एक विचारक मात्र नहीं है वे तो स्वयं एक विचारधारा है देश के कोने-कोने में अध्यात्म और राष्ट्र भक्ति की अलख जगाने के पुनीत अभियान की साधना में तल्लीन है जो बहुत से मानवतावादी सामाजिक प्रकल्पों की प्रेरणा स्रोत हैं।
साध्वी ऋतंभरा जी अयोध्या के राममन्दिर आन्दोलन से जुड़ी रहीं हैं। साध्वी ऋतंभरा जी आध्यात्मिक शख्सियत और मानवतावादी सामाजिक प्रकल्पों की प्रेरणा स्त्रोत और प्रखर वक्ता हैं। विभिन्न जन आंदोलन में सक्रीय भूमिका निभाने वाली साध्वी ऋतंभरा जी भगवान राम और कृष्ण की भक्ति में लीन हो गयीं।
श्रीकृष्ण की लीला स्थली वृंदावन में उनके द्वारा स्थापित ‘वात्सल्य ग्राम’ में रिश्तों को एक नई पहचान मिली है। वात्सल्य ग्राम की पूरी परिकल्पना के माध्यम से वे, भारतीय पारिवारिक व्यवस्था की सकारात्मकता पर जन मानस का ध्यान आकर्षित कर उसका प्रसार करने का सम्पूर्ण प्रयास कर रही है।
वास्तव में इस अनूठे प्रकल्प के पीछे की सोच अनाथालय की व्यावसायिकता और भावहीनता के स्थान पर समाज के समक्ष एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत करने की अभिलाषा है जो भारत की परिवार की परम्परा को सहेज कर संस्कारित बालक-बालिकाओं का निर्माण करे न कि उनमें हीन भावना का भाव व्याप्त कर उन्हें अपनी परम्परा और संस्कृति छोड़ने पर विवश करे.
कलश यात्रा की झांकियां