असम के युवाओं को आरएसएस दे रहा हथियारों का प्रशिक्षण – कांग्रेस
मरियनी
कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर असम के युवाओं को हथियारों का प्रशिक्षण देने का आरोप लगाया है| साथ ही कहा है कि संघ परिवार का यह कार्य राज्य को युद्धक्षेत्र में तब्दील कर देगा|
कांग्रेस और इसके छात्र संघ ने शनिवार को असम के जोरहाट जिले में एक कॉलेज का यह कहते हुए शुद्धिकरण किया कि इस कॉलेज का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रशिक्षण शिविर के लिए उपयोग कर रहा है।
आम तौर पर कट्टरपंथी हिंदू समूहों से जुड़े एक अनुष्ठान में कांग्रेस के लगभग 100 सदस्यों और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ ने सांप्रदायिक रोगाणुओं से स्कूल को छुटकारा दिलाने के लिए मरियनी कॉलेज के द्वार पर दूध छिड़का और दीए जलाए|
जोरहाट जिला प्रशासन ने कुछ दिन पहले आरएसएस की जिला इकाई को 20 जुलाई से अपने नौ दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के लिए सरकारी विद्यालय के परिसर का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। हालांकि एक जिला अधिकारी के अनुसार यह अनुमति इसलिए दी गई थी क्योंकि महाविद्यालय में गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थी|
मरियनी कॉलेज द्वारा आरएसएस को अपने परिसर में प्रशिक्षण शिविर लगाने की अनुमति देने के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी के विरोध का साथ देते हुए कांग्रेस नेता प्रद्युत बरदलोई ने कहा, “बीजेपी और आरएसएस हिंदुत्व के अपने मुद्दे पर अड़े हुए हैं| संघ परिवार बाहर से लोगों को लाकर यहाँ बसाना चाहता है और उन्हें यहाँ की नागरिकता दिलाना चाहता है| उनकी यह गतिविधि असमिया समुदाय के अस्तित्व और संस्कृति के लिए खतरनाक है|”
बरदलोई ने स्वतंत्रता आंदोलन के समय बीजेपी और आरएसएस की भूमिका पर भी सवाल उठाया, साथ ही आरोप लगाया कि आरएसएस ने ब्रिटिश शासकों की मदद की थी| अब तो आरएसएस नाथूराम गोडसे का जन्मदिन भी मनाने लगी है| उन्होंने सोशल मीडिया में महात्मा गाँधी की छवि को धूमिल करने के लिए एक कैंपेन भी चला रखा है|
आरएसएस के अनुसार, जिले के लगभग 180 युवा शिविर में भाग ले रहे हैं।