
गुवाहाटी
नागरिकता कानून में संशोधन विधेयक के विरोध में एनडीए घटक दल अगप AGP समेत कम से कम 9 राजनैतिक दल एक जुट हो गए हैं। इन दलों ने दिल्ली में शुक्रवार को इस बारे में एक महत्वपूर्ण बैठक की जिस में नागरिकता कानून में संशोधन को असम की अस्मिता के लिए चुनौती बताया गया हैI
इस बैठक के बाद अगप ने चेतावनी दी है कि विधेयक पास होने की हालत में वह राज्य में एनडीए का साथ छोड़ सकती है। हालांकि भाजपा के असम अध्यक्ष रंजीत दास ने अगप नेतृत्व की ओर से ऐसी किसी धमकी से इनकार किया है ।
संसद भवन में हुईं श्रेत्रीय दलों की इस बैठक में अगप के अलावा शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल, अकाली दल, डीएमके, एआईडीएमके, बीजेडी, तृणमूल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा शामिल थी। बैठक के वाद अगप नेता और पूर्व सांसद बीरेंद्र प्रसाद बैश्य ने बताया कि नागरिकता कानून विधेयक का संसद के दोनों सदनों में पुरजोर विरोध किया जाएगा।
अगप प्रतिनिधियों- ने इस विधेयक को असम की अस्मिता के लिए चुनौती बताते हुए सभी श्रेत्रीय दलों से लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह पर इसका जमकर विरोध करने का आह्वान किया है । बैश्य के अनुसार किसी तरह लोसभा में विधेयक पास हिओने की हालत में राज्यसभा में इसे पास नहीं होने दिया जाएगा।
नागरिकता कानून में संशोधन के लिए दोनों सदनों में विधेयक का पास होना अनिवार्य है । किसी करण विधेयक पास हो गया तो असम में अगप एनडीए के साथ नहीं रहेगी।
अगप के ही पूर्व सांसद कुमार दीपक दास ने भी यही चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ने पर इस मामले में अदालत की शरण भी ली जाएगी। उन्होंने बताया है कि इस बोरे में पार्टी के नेता केद्रोय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी मिले हैं। गृह मंत्री ने भरोसा दिया है कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा, जो किसी राज्य की भाषा या संस्कृति को ठेस पहुंचाएI केद्र ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा।
उधर असम भाजपा अध्यक्ष रंजीत दास की अगुवाई में 25 नेताओं का एक दल भी नई दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। दास से पूछे जाने पर उन्हों ने कहा है कि उन्हें अथवा मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को सहयोगी दल की तरफ से ऐसा कुछ नहीं बोला गया । हालाकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने यह माना कि कुछ मुद्दों पर सहयोगी दलों के विचार विभिन्न हो सकते हैं। लेकिन गठबंधन में किसी तरह का मतभेद नहीं है।