शिलांग अब भी अशांत है, रात का कर्फ्यू जारी है, 500 लोगों को सेना ने राहत शिविर में रखा है. इस बीच स्थानीय लोग पंजाबी बस्ती हटानी की मांग होने लगी है….. कहीं इन सब के पीछे कोई राजनीती तो नहीं…..?
शिलांग
मेघालय की राजधानी शिलांग अशांत है. आज तीसरे दिन कुछ इलाकों में रात का कर्फ्यू है तो कुछ इलाकों में केवल सुबह 8 बजे से दिन के 3 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गयी है. सेना फ्लैग मार्च कर रही है और प्रभावित इलाकों से अब तक 500 लोगों को सुरक्षित निकाल चुकी है जिन्हें आर्मी केंप में शरण दिया गया है . सुरक्षित निकाले गए 500 लोगों में 200 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
बता दें कि विवाद की वजह एक निजी ट्रेवलर के स्थानीय समुदाय के ड्राइवर और पंजाबी समुदाय की एक लड़की के साथ किसी बात को लेकर कहा सूनी हो गयी थी. उसके बाद लड़की के परिवार के मिलने वालों ने उस ड्राइवर की जमकर धुनाई कर दी. जिसके बाद यह मामला पुलिस के पास पहुंचा. दोनों समुदाय के लोंगों ने मामला रफा दफा कर दिया. लेकिन रात होते होते आजगनी , मारपीट फायरिंग होने लगी. यह घटना आर्मी केंप के पास की है. केंप के पास पंजाबी समुदाय के 200 परिवार रहते है.
इस बीच मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने उच्चस्तरीय बैठक कर हालात की समीक्षा की. शहर में शुक्रवार 3 बजे के बाद से ही इंटरनेट बंद है. मामला अभी भी गर्म बना हुआ है. जो पर्यटक शिलांग के होटलों में मौजूद हैं वह कर्फ्यू में ढील मिलते ही वहाँ से वापस हो रहे हैं.
कल सीएम कॉनरैड संगमा और गृह मंत्री ने स्थानीय लोगों से बात करने की कोशिश की लेकिन कोई हल नही निकला. स्थानीय लोग शिलांग से पंजाबी बस्ती हटाने की बात कर रहे.
कल रात भी शिलांग के कुछ इलाकों में पेट्रोल बम फेंके गए और सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. लेकिन अभी सरकार की तरफ से अर्ध सैनिक बलों को बल प्रयोग की मनाही है.