लोकसभा चुनाव तक नोटबंदी के मुद्दे को जिंदा रखेगी कांग्रेस
गुवाहाटी
कांग्रेस ने दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव तक नोटबंदी के मुद्दे को ज़िंदा रखने का सिलसिला तेज कर दिया है| राहुल गांधी के निर्देश पर नोटबंदी के खिलाफ जारी राज्यव्यापी आंदोलनों के बीच उसने अब लुईस बर्जर, एनआरसी और चाय मजदूरों के राशन जैसे मसलों को लेकर केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय पर कानून विरोधी बयान देने का आरोप लगाया है| कांग्रेस के निशाने पर अब उसके पुराने साथी और सोनोवाल सरकार भी आ गई है|
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने अपने इस पुराने साथी का नाम नहीं लेते हुए कहा कि कांग्रेस में उक्त मंत्री के रहते समय संसद में वेंकैया नायडू ने तमाम विवरण देते हुए लुईस बर्जर मामले में उनके शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया था| लेकिन वहीँ नेता जब बीजेपी में चले गए तो पाक-साफ हो गए| लुईस बर्जर मामले की जांच ही ठहर गई|
बोरा ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिकी जांच एजेंसी ने विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए राज्य की सीआईडी से मामले की जांच आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था| लेकिन चार महीनों बाद भी जांच में कोई तबदीली नहीं हुई| ऐसे में अब कांग्रेस हाई कोर्ट से गुहार लगाएगी कि असम सरकार को मामले की जांच आगे बढ़ाने का निर्देश दे|
बोरा ने आरोप लगाया कि जो भाजपा 2014 के चुनाव में एनआरसी के अद्यतन पर अधिक मुखर थी आज वहीँ बिलकुल निष्क्रिय है| उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून के संशोधन में देरी के कारण जान-बुझकर सरकार ने यह मामला ठंडे बस्ते में डाल रखा है| वह चाहती है कि किसी तरह 2014 के बाद असम आए हिंदू-बांग्लादेशियों को राष्ट्रीय नागरिक पंजिका में शामिल कर दिया जाए ताकि बीजेपी को चुनावी फायदा मिल सके|
केंद्रीय श्रम मंत्री पर कानून विरोधी बयान का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मंत्री ने हाई कोर्ट के निर्देश के विपरीत भावना जताई है| भाजपा सरकार ने चाय मजदूरों को 50 पैसे प्रति किलो मिलने वाले राशन को बंद कर दिया था| अदालत के आदेश से यह फिर चालू हुआ है| लेकिन केंद्रीय मंत्री ने राशन की जगह खाते में नकद जमा करने की बात कर भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है|