शिलांग – सीमा सुरक्षा बल ने मनाया हिंदी दिवस
शिलांग
शिलांग स्थित सीमा सुरक्षा बल के मुख्यालय में आज हिंदी दिवस मनाया गया| कार्यक्रम में सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों और अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया| इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय भाषा और राजभाषा के रूप में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया|
भारत में हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जो आपसी संपर्क के लिए सहज भाषा होने के साथ ही देश की अधिकांश जनसँख्या द्वारा बोली और समझी जाती है| लोग आसानी से हिंदी को समझ और बोल लेते हैं चूँकि यह भाषा हमारे समाज की गहराई में बसी हुई है|
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार हिंदी पखवाड़ा के मौके पर सीमा सुरक्षा बल ने 1 सितंबर से ही कुइज, निबंध लेखन, टाइपिंग आदि प्रतियोगिताएं शुरू कर दी है| इन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल करने वाले बीएसएफ के अधिकारियों में DIG/PSO डॉ. साबू ए जोसफ ने पुरस्कार वितरण किया|
डॉ. जोसफ ने बॉर्डर मेघालय फ्रंटियर बीएसएफ को वर्ष 2016-17 के दौरान पूरे भारत में इनर फ्रंटियर राजभाषा शील्ड योजना में प्रथम स्थान जीतने पर बधाई दिया| मेघालय फ्रंटियर के आईजी पीके दुबे ने नई दिल्ली में बीएसएफ के महा निदेशक से यह शील्ड ग्रहण किया| शिलांग के मेघालय बीएसएफ फ्रंटियर के सभी सेक्टरों में सेक्टर जोवाई को बेहतरीन परफॉरमेंस के लिए शील्ड दिया गया|
इस मौके पर डॉ. जोसफ ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है| हमें हिंदी को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि हिंदी एकता को बढ़ावा देती है| चूँकि यह भाषा देश की आम जनता के संपर्क की भाषा है इसलिए हमें हिंदी में काम करना चाहिए| डॉ. जोसफ ने खास तौर से गैर हिंदी भाषी इलाकों के अधिकारियों को “हिंदी पखवाड़ा” के दौरान सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पर बल दिया|