गंगटोक
सिक्किम और अरुणाचल में चार दिनों से हो रही भारी बर्फबारी ने जहां फिर से जहां ठंड से ठिठुरने पर मजबूर दिया है वहीं सैलानी इस बर्फबारी का का लुत्फ़ उठा रहे हैं . जी हाँ तापमान में लगातार गिरावट आने के कारण सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ियों में पिछले चार दिनों से रुक रुक कर हो रही बर्फबारी के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है. सिक्किम के संदकफू, थांगु , नाथुला दर्रे और अरुणाचल के तवांग, बोमडिला, सेला दर्रे में पिछले चार दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है.
सिक्किम के करीब 3636 मीटर की ऊंचाई पर स्थित संदकफू में बर्फबारी हुई है.उत्तरी सिक्किम के ल्हाचुंग, ल्हाचेन, थांगु व पूर्वी सिक्किम के नाथुला दर्रे, छांगू झील व नाथांग में भारी बर्फबारी हुई है, जो पिछले कई दिनों से जारी है.
अरुणाचल के 8000 फिट की ऊंचाई पर स्थित तवांग पिछले तीन दिनों से बर्फ की चादर से ढका हुआ है. सड़कें एवं घरों की छतें बर्फ की चादर से ढक गए हैं. सड़कों पर बर्फ जमी हुई है जिस के कारण वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है.अरुणाचल के सेला दर्रा में दो दिन पहले बर्फीली तूफ़ान में 127 यात्री फंस गए थे . हालांकी उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया लेकिन एक महिला पर्यटक की मौत हो गयी है.
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मिरिक में भी मौसम में अचानक बदलाव व व्यापक रुप से बर्फकारी का नजारा देखने को मिला है. समुद्र तट से पांच हजार आठ सौ फिट उचाई की ऊंचाई पर स्थित मिरिक पर्यटन केन्द्र का नजारा देखते को बनता है. उस पर बर्फबारी नज़ारे में चार चाँद लगा दिए हैं. दो दिनों से यह क्षेत्र पूरी तरह से सफेद चादर में लिपटा हुआ है. यहां पर घूमने आए सैलानियो ने भी बर्फकारी का आनंद उठा रहे हैं.
भारी वर्फबारी के कारण लोगों को वाहन छोड़कर पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. लेकिन इन पर्यटन स्थलों में आये पर्यटक बर्फबारी का जम कर लुत्फ़ उठा रहे हैं. लेकिन पहाड़ में चारों ओर बारिश व कड़ाके की ठंड के बीच यहाँ रहने वाले लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ऊंचे स्थानों पर हो रही बर्फबारी के कारण तापमान में ज़बरदस्त गिरावट आयी है जिस से नीचे मैदानी इलाकों में भी ठन्डी हवाएं चल रही है.
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना जताई है.
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