गुवाहाटी हाई कोर्ट में जीएसटी से जुड़ा पहला मामला
गुवाहाटी
गुवाहाटी हाई कोर्ट में जीएसटी से जुड़ा पहला मामला दर्ज हुआ है| दरअसल बीआईईओ के अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ कर अधिवक्ता मेधा लीला गोप और नीतू हवेलिया ने गुवाहाटी हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी|
मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ऋषिकेश राय की अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी व्यापारी के जीएसटी ट्रांजिशन अवधी के दौरान कर अधिकारियों को बिना अनुमति माल की जांच तथा उसे जब्त करने का कोई अधिकार नहीं है| अदालत ने अगली सुनवाई तक मामले की आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने का निर्देश दिया है|
नीतू हवेलिया के मुताबिक बीते 9 जुलाई को केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जारी बयान में यह बात स्पष्ट कर दी गई थी कि किसी भी व्यापारी के जीएसटी ट्रांजिशन अवधी के दौरान कर अधिकारियों को बिना अनुमति माल की जांच तथा उसे जब्त करने का कोई अधिकार नहीं है| लेकिन राज्य में बीआईईओ के अधिकारियों ने अपनी मनमानी जारी रखते हुए कई व्यवसायियों पर छापा मारकर उनके माल को जब्त कर लिया| इसके चलते इन प्रतिष्ठानों के व्यापारियों को इस जीएसटी ट्रांजिशन अवधी में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है|
हैरानी की बात यह है कि बीआईईओ के अधिकारी को जीएसटी में अभी तक कोई अधिकार ही नहीं दिए गए हैं| यहाँ तक कि माल की तलाशी और जब्त करने का अधिकार सिर्फ ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ स्टेट टैक्सेस या उससे वरिष्ठ अधिकारियों को ही प्राप्त है|
गुवाहाटी हाई कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अगली तारीख तक व्यापारियों पर हो रहे अत्याचार पर अधिकारियों को लगाम लगाने का निर्देश जारी किया है| राय ने अगली तारीख पर सरकारी वकील को यह बताने का आदेश दिया है कि किस धारा व किस प्राधिकरण के तहत बीआईईओ के अधिकारियों ने वित्त मंत्री के बयान की अवहेलना की है|