खुले में शौच, शराब, तंबाकू से मुक्त असम का एक गावं, अब होगा कैशलेस
रंगचापोरी
स्वछता को ले कर देश भर में चलाए जा रहे मुहीम से शायद आप अभे रु-बरु हुए होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं असम का एक छोटा सा गाँव इस अभियान को आज से 18 पहले शरू किया था और आज वह राज्य का न केवल सब से स्वक्ष गावं है बल्की इस गावं की और भी कई विशेषताएं हैं. यहाँ कोई शराब नहीं पीता, कोई धूम्रपान नहीं करता, कोई खुले में शौच नहीं जाता, कोई प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करता…… तो चलिए आप को रु बरु करवाते हैं असम के इस छोटे से गावं से जो खुले में शौच, शराब, तंबाकू, से मुक्त तो है ही अब तैयारी कर रहा है कैशलेस होने का .
ग्वालपारा जिले का छोटा सा गांव रंग्चापोरी असम का सबसे स्वच्छ घोषित गांव है. यह गावं वर्षों पहले ही खुले में शौच, अल्कोहल, तंबाकू और ड्रग्स से मुक्त हो चुका है. अब इस गांव को कैशलेस बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. रंगचापारी में पिछले 17 वर्षों से कोई आपराधिक घटना नहीं हुई है.
गांव के प्रधान रॉबर्ट जॉन मोमिन के अनुसार पिछले माह से गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है. इसके अलावा रंगचापोरी को देश का पहला कैशलेस गांव बनाने की योजना भी है. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन प्रारंभ करने से बहुत पहले ही इस गांव में स्वच्छता के लिए पहल की गई थी. वर्ष 1999 में ग्रामीणों ने स्वच्छता को लेकर प्रयास प्रारंभ कर दिए थे और 2000 में एक 10 सदस्यीय समिति गठित की गई थी.
इस समिति ने चार संकल्प लिए. इसमें शांति और एकता, स्वच्छ गांव, प्रत्येक परिवार में शौचालय तथा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता शामिल है. समिति के गठन के बाद से 88 परिवारों वाले इस गांव में खुले में शौच नहीं हुआ है और हिंसा भी नहीं हुई है. इसके अलावा न तो किसी ने अल्कोहल का सेवन किया और न ही धूमपान किया। इस गांव में 475 लोग रहते हैं, जो ईसाई धर्म मानते हैं।