डिमा हसाउ का 1000 करोड़ का घोटाला, 15 अभियुक्तों को कारावास की सजा
गुवाहाटी
एनआईए की विशेष अदालत ने आज डिमा हसाउ जिले में हुए 1000 करोड़ के घोटाले में सभी 15 अभियुक्तों को कारावास की सजा सुनाई है| विशेष अदालत ने मंगलवार को 1000 करोड़ के घोटाले से जुड़े 15 लोगों को जेल भेज दिया है| इनमें से 3 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है|
इन अभियुक्तों के नाम हैं ज्वेल गार्लोसा, निरंजन होजाई, मोहित होजाई, आर.एच खान, जयंत कुमार घोष, करुणा सैकिया, संदीप घोष, देवाशीष भट्टाचार्य, जिबांग्शु पॉल, वनलाल चाना, मल्सव्म किमी, फजेंद्र होजाई, गोलोन दाऊलागुपू, बाबुल केम्प्राई और पार्थ वारिसा|
ज्वेल गार्लोसा असम के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन DHD (J) का अध्यक्ष था जबकि निरंजन होजाई इसी संगठन का कमांडर इन चीफ| दोनों को गौहाटी हाई कोर्ट से इस शर्त पर सन 2011 में अंतरिम जमानत मिली थी कि वे भारत सरकार के साथ शांतिवार्ता में शामिल होंगे| हालांकि जमानत पर रिहा होने के बाद दोनों बीजेपी में शामिल हो गए थे और उत्तर कछार पर्वतीय स्वायत्त शासी परिषद के सदस्य बन गए थे|
मामले के एक अन्य अभियुक्त समीर अहमद को एनआईए की अदालत ने 5 साल जेल की सजा सुनाई थी और सजा पूरी होने पर उसे रिहा कर दिया गया था|
जून 2009 में एनआईए को डिमा हसाउ जिले में करप्शन और टेरर फंडिंग के दो मामले सौंपे गए थे | जांच के दौरान एनआईए ने अभियुक्त के पास से कुछ रकम और कुछ हथियार बरामद किए थे|