विभागीय जांच में बड़ा खुलासा, उदालगुड़ी में प्रसाद से नहीं पानी से फैला था जहर
मंगलदै
विभागीय जांच में हुए एक खुलासे के मुताबिक उदालगुड़ी जिले में पिछले साल जहरीला प्रसाद खाने से नहीं बल्कि जहरीला पानी पीने से 95 लोग पीड़ित हुए थे| दरअसल खबर के अनुसार उदालगुड़ी जिले के भगतपाड़ा के नजदीक कलितापाड़ा में गत वर्ष 7 और 8 सितंबर को जहरीला प्रसाद खाने से 95 लोग पीड़ित हो गए थे| पीड़ितों को मंगलदै सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिनमें से 30 लोगों को गंभीर हालत में जीएमसीएच में भर्ती कराया गया जहाँ एक 11 वर्षीय किशोरी की मौत हो गई|
इस घटना के बाद उदालगुड़ी जिला प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई और मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए| इसी आधार पर उदालगुड़ी एवं दरंग जिले में कार्यरत खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीव बोड़ो ने जांच शुरू की और कलितापाड़ा के भवेंद्र चंद्र नाथ के घर जाकर प्रसाद और पानी का नमूना संग्रह किया|
केमिकल एंड माइक्रोबायोलॉजिकल टेस्ट के लिए गुवाहाटी स्थित प्रयोगशाला में नमूना भेजने के करीब चार महीने के अंदर प्रसाद और पानी की जांच रिपोर्ट सामने आई| खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीव बोड़ो ने गुवाहाटी के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को सूचित किया कि केमिकल एंड माइक्रोबायोलॉजिकल जांच के अनुसार प्रसाद में कोई खामी नहीं थी जबकि प्रसाद बनाने और पीने के लिए जिस पानी का व्यवहार किया गया वह जहरीला था|
हालांकि जांच रिपोर्ट आने के चार महीने बाद भी आज तक कलितापाड़ा के लोगों को पानी की गुणवत्ता के बारे में नहीं बताया गया है| लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री रिहन दैमारी का गृह जिला होने के बावजूद आज तक विभाग ने कलितापाड़ा और आस-पास के गांवों में पानी की गुणवत्ता की जांच करने की न कोई व्यवस्था की है और न ही शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराया है|