एनसीआर की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन निर्माण का विधेयक पारित
गुवाहाटी
‘नेशनल कैपिटल रीजन’ (एनसीआर) की तर्ज पर गुवाहाटी महानगर का ‘स्टेट कैपिटल रीजन’ (एससीआर) के रूप में विस्तार करने का विधेयक शुक्रवार को विधानसभा में पारित हो गया| ‘दि आसाम स्टेट कैपिटल रिजन डेवलपमेंट अथॉरिटी बिल – 2017’ के नाम से इस विधेयक को पारित किया गया है| इस तरह उत्तर-पूर्व की परिधि तोड़कर दक्षिण-पूर्व एशिया का द्वार बनाने के अभिलाषी लक्ष्य को वास्तविक रूप देने के लिए राज्य सरकार तत्पर हो उठी है|
राज्य सरकार के निर्देश पर गुवाहाटी महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने विस्तारित गुवाहाटी का संभावित एक नया मानचित्र तैयार किया है| इस मानचित्र में कामरूप (महानगर) जिला के अलावा पड़ोसी मोरीगांव, दरंग, नलबाड़ी और कामरूप जिले के वृहत्तर इलाके को शामिल किया गया है| मानचित्र में प्राचीन प्रागज्योतिष्पुर के ऐतिहासिक महत्त्व को स्थान दिया गया है|
इस मानचित्र के अनुसार मौजूदा गुवाहाटी महानगर को मोरीगांव जिले के मायंग, दरंग जिले के सिपाझाड़, नलबाड़ी जिले के नलबाड़ी शहर, बरभाग, पश्चिम नलबाड़ी, बरक्षेत्री और कामरूप जिले के गुवाहाटी, कमलपुर, रंगिया, हाजो, आजारा, पलाशबाड़ी, छयगाँव और बोको तक विस्तारित किया जाएगा|
एससीआर में जो इलाके शामिल किए गए हैं वहां जमीन के भाव बढ़ने के साथ नए निवेश की संभावना भी बनी है| मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को इस विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में गुवाहाटी विकास विभाग के मंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने बताया कि पिछले साल के 15 अगस्त को मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने एनसीआर की तर्ज पर असम में भी गुवाहाटी और इसके आसपास के इलाकों को समेटकर राज्य राजधानी क्षेत्र बनाने की घोषणा की थी|