ईटानगर
चीन ने अपने एक बेतुका ब्यान में कहा है कि उस के लिए अरुणाचल प्रदेश का अस्तित्व कभी रहा ही नहीं है क्योंकि ये तिब्बत का हिस्सा है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने यह ब्यान एक प्रश्न का उत्तर में दिया है ” जब उन से पूछा गया कि ” मीडिया रिपोर्ट में यह ख़बरें आ रही है कि चीनी सैनिको ने एक बार फिर भारतीय सीमा में प्रवेश किया और अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में 200 मीटर अंदर तक घुसपैठ की”
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने हालांकी इस प्रश्न का सीधा उत्तर नहीं दिया और कहा कि ” सबसे पहले हम बता दें कि सीमा मुद्दे पर हमारी स्थिति स्पष्ट और सुसंगत है क्योंकि हम अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व को स्वीकार ही नहीं करते है क्योंकि वो तिब्बत का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आप लोग जिस विशिष्ट स्थिति के बारे में बात कर रहे हैं मुझे उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है इसलिए मैं इसको लेकर कुछ नहीं कह सकता।”
दरअसल मीडिया में यह रिपोर्ट आ रही है कि ” पिछले महीने भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में कथित तौर पर निर्माण मशीनरी के साथ सीमा पार करते हुए रोक दिया था। चीनी सैनिक ने कथित तौर पर निर्माण उपकरण वहीं पीछे छोड़ दिये थे।
बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश पर काफी लंबे समय से अपना दावा पेश करता रहा है। चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है। भारत-चीन सीमा विवाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 3,488 किमी दूर तक है।
गेंग ने इसी को लेकर कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता को बनाए रखना चीन और भारत दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। ये पूछे जाने पर कि क्या भारत और चीन के बीच डोकलाम जैसा एक और गतिरोध तो उत्पन्न नहीं होने जा रहा है? इस पर गेंग ने कहा कि पिछले साल हुए डोकलाम गतिरोध को अच्छे तरीके से हल कर लिया गया था।