गुवाहाटी
सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के अलावा असम पर भी नजर गड़ाए चीन ने अब यहाँ बाढ़ जैसे अंदरूनी हालत को भी अपने रडार पर ले लिया है| चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुवा ने असम के सात जिलों के पांच सौ गांवों के डूबने, ढाई लाख जनता के बाढ़ प्रभावित होने और कम से कम एक के मरने की खबर दे, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की स्थानीय स्तर पर दी जा रही जानकारियों पर सवालिया निशान लगा दिया है|
समाचार एजेंसी ने रोचक ढंग से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के किसी अधिकारी का ही हवाला दिया है| प्राधिकरण ने इसके पहले असम के लखीमपुर, जोरहाट, गोलाघाट, कछार, धेमाजी, विश्वनाथ और करीमगंज जिलों में तक़रीबन एक लाख लोगों के बाढ़ से प्रभावित होने की जानकारी अवश्य दी थी|
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असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि उपरोक्त जिलों के तक़रीबन 500 गाँव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं| इसके चलते इन गांवों की तक़रीबन 2 लाख 50 हजार आबादी प्रभावित हुई है| उत्तर लखीमपुर में सुबनश्री नदी से एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ है| इस बीच बीती रात लखीमपुर जिले में एक छह वर्ष की बच्ची के बाढ़ के पानी में बह जाने की खबर मिली है|
इस बीच राज्य के कछार और करीमगंज जिलों में कुल 66 रहत शिविर संचालित होने का दावा किया गया है| उनमें कुल मिलकर तक़रीबन 14 हजार बाढ़ पीड़ितों के शरण लेने की जानकारी मिली है|
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चीनी समाचार एजेंसी की नजर असम के स्थानीय न्यूज चैनलों पर भी है| उसने उनका हवाला देते हुए कई जगहों पर सड़कों, कलवर्टों और पुलों आदि के क्षतिग्रस्त होने के फुटेज दिखाए जाने का जिक्र किया है| बताया है कि किस प्रकार जुलाई 2012 में असम में बाढ़ से 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 50 लाख से ज्यादा लोगों को अपने घर-बार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था|
इससे साफ है कि भारत के अहम हिस्सों पर नजर गड़ाए चीन ने अपनी समाचार एजेंसियों की भी नजर यहाँ के विभिन्न संवेदनशील मुद्दों पर गड़वा दी है| हमारे कुछ अधिकारीयों तक भी पहुँच बनाने की चीन लगातार कोशिश में जुटा है|