कैंसर पीड़ित बॉक्सर डिंगको सिंह की उम्मीदें बरकरार
नई दिल्ली
एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता बॉक्सर डिंगको सिंह ने कैंसर से ग्रस्त होने के बावजूद कोचिंग में वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी है| लीवर में कैंसर की बीमारी से ग्रस्त डिंगको को उम्मीद है कि एक न एक दिन वे कोचिंग में जरुर वापसी करेंगे|
डिंगको ने कैंसर जैसी घातक बीमारी की कभी उम्मीद तक नहीं की थी| उनके मुताबिक बॉक्सिंग रिंग की तरह उनके लिए यह भी एक रिंग है जहाँ उन्हें लड़ना है| 1998 में बैंकोक में आयोजित एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता बॉक्सर डिंगको सिंह पिछले एक साल से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे है| डिंगको का 70 प्रतिशत लीवर खराब हो चुका है| वे पिछले एक साल से नई दिल्ली में रह रहे है| पूर्व भारतीय बॉक्सर की जंग न केवल इस घातक बीमारी से है बल्कि आर्थिक तंगी से भी है|
डिंगको से जब उनके नई दिल्ली स्थित अस्थायी निवास में मुलाकात की गई तो उन्होंने कहा, “बैंकोक एशियाई खेल में स्वर्ण पदक जीतने पर मणिपुर सरकार ने इंफाल में एक छोटा सा अपार्टमेंट मुझे तौहफे में दिया था| लेकिन हाल ही में मुझे अपने इलाज के लिए इसे बेचना पड़ा| मैं अब तक अपने इलाज के नाम पर 10 लाख रुपए खर्च कर चुका हूँ| बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने मुझे इलाज के लिए 45 हजार रुपए दिए| स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भी इलाज के लिए मुझे 55 हजार रुपए दिए है| मुझे ठीक होने के लिए काफी पैसे चाहिए|”
नई दिल्ली में डिंगको के एक शुभचिंतक ने उन्हें बगैर किराए के रहने के लिए घर दिया| डिंगको द्वारा प्रशिक्षित प्रसिद्ध महिला बॉक्सर एल सरिता देवी ने उनको आर्थिक मदद करने का वादा किया है| सरिता देवी ने कहा, “मुझे अपने पूर्व प्रशिक्षक के बारे में जानकार काफी दुःख हुआ| उन्होंने मुझे 2014 के इंचीऑन एशियन गेम्स के लिए प्रशिक्षण दिया था| मैं पूरी कोशिश करुँगी कि उनके इलाज के लिए कुछ पैसों का इंतजाम कर सकू|”
डिंगको की पत्नी ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा, “हमें नहीं पता कि उनका इलाज कैसे होगा चूँकि उनके इलाज के लिए लाखों रुपयों की जरुरत है| हम पैसों का इंतजाम करने की कोशिश कर रहे है|”