बोड़ो समुदाय ने चेन्नई में मनाया रंगाली बिहू
चेन्नई
चेन्नई में रहने वाले बोड़ो लोगों ने इस साल पहली बार 16 अप्रैल को चेन्नई में रंगाली बिहू का आयोजन किया| इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास से 1.5 किलोमीटर दूर सरदार पटेल रोड के समीप अद्यार में बिहू उत्सव का आयोजन किया गया|
कार्यक्रम की शुरुआत में सभी अतिथियों को पारंपरिक अरोनाई से सम्मानित किया गया और पारंपरिक वैशागु नृत्य से कार्यक्रम शुरू किया गया| चेन्नई में आईआईटी मद्रास, राजीव गाँधी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ यूथ डेवलपमेंट, भरथ यूनिवर्सिटी समेत अन्य शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत बोड़ो छात्रों के अलावा वहां नौकरी करने वाले बोड़ो लोगों ने मिलजुलकर रंगाली बिहू मनाया| तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश और नेपाल से भी कई लोग कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे| चीन से आए विद्यार्थियों और नगा छात्र संघ के सदस्यों ने अतिथि के तौर पर उपस्थित रहकर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए|
इस अवसर पर आईआईटी मद्रास में अध्ययनरत चीन के एक शोधकर्ता बंग गोउ ने कहा, “मुझे खुशी हो रही है कि मैं वह अकेला छात्र हूँ जिसने आईआईटी मद्रास में विदेशी छात्रों द्वारा आयोजित इंटरनेशनल डे के अवसर पर बोड़ो पारंपरिक पोशाक पहनकर बोड़ो संस्कृति का प्रतिनिधित्व किया| मुझे बोड़ो लोगों की परंपरा और संस्कृति को देखकर बहुत खुशी हुई|”
राजीव गाँधी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ यूथ डेवलपमेंट के लिर्दांग बोड़ो ने बोड़ो संस्कृति, बोड़ो लोगों और उनके संघर्ष पर भाषण दिया| उन्होंने बोड़ो समाज में वैशागु के महत्त्व के बारे में उपस्थित लोगों को बताया|
कार्यक्रम में बोड़ो संस्कृति की नृत्य, गीत, कविताएँ आदि प्रस्तुत की गई| वैशागु के गीतों से दर्शक झूम उठे और इस तरह रंगारंग कार्यक्रम का समापन किया गया|