बोड़ोलैंड यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर के खिलाफ छात्र संघ का धरना
कोकराझाड़
बोड़ोलैंड यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ. हेमंत कुमार बरुवा के खिलाफ यूनिवर्सिटी के छात्र संघ ने ही धरना प्रदर्शन किया| बरुवा पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. शेखर ब्रह्म और डायरेक्टर, CUDC डॉ. दीनानाथ बसुमतारी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए छात्र संघ ने जोरदार प्रदर्शन किया|
बरुवा ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और डायरेक्टर को उनके पद से निलंबित कराने की साजिश रची है, हालांकि अभी दोनों का कार्यकाल दो साल शेष है| छात्र संघ ने असम के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से डॉ. शेखर ब्रह्म और डॉ. दीनानाथ बसुमतारी को उनके पद पर पुनः बहाल करने की मांग की है|
बड़ी संख्या में बोड़ोलैंड यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने हाथ में बैनर, पोस्टर लेकर यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ. हेमंत कुमार बरुवा के खिलाफ नारेबाजी की|
बोड़ोलैंड यूनिवर्सिटी के महासचिव रोंसाई खुंगुर मुसाहारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. शेखर ब्रह्म और डायरेक्टर, CUDC डॉ. दीनानाथ बसुमतारी को अचानक राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से उनके नाम निलंबन पत्र मिला जिसमें लिखा था कि उन्हें विश्वविद्यालय के ट्रांजिटरी संविधि के आधार पर पद से निकाला जा रहा है जो कि फिलहाल लागू नहीं है। जहाँ तक हमें पता है, ट्रांजिटरी संविधि ट्रांजिटरी अवधि के बाद अमान्य है और विश्वविद्यालय के समुचित कार्य के लिए एक नए संविधि का गठन किया जाना है। लेकिन यह नया कानून अनुमोदन के लिए लंबित है| इसके अलावा नई संविधि के अनुसार सेवानिवृत्ति की आयु 62 साल है| वहीँ यूजीसी के नियमों के अनुसार असम के राज्य विश्वविद्यालयों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है|”
उन्होंने कहा कि यूजीसी के अधिकारियों की एक टीम बोड़ोलैंड यूनिवर्सिटी को 12 बी का दर्जा देने के लिए वहां की रूपरेखा जांचने आ रही है। यूनिवर्सिटी की वर्तमान स्थिति उन अधिकारियों पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी जो विश्वविद्यालय की विकासशील गतिविधियों के लिए हानिकारक होगी।
छात्र संघ ने रजिस्ट्रार और डायरेक्टर को पद पर बहाल रखने की मांग की है चूँकि 27 जुलाई से यूनिवर्सिटी में शुरू होने जा रहे दाखिले की प्रक्रिया पर भी इसका असर पड़ेगा|