भारत बंद के दौरान असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में भी बंद का असर देखने को मिला. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ बंद समर्थक सड़क पर उतरे.
गुवाहाटी
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर आज कांग्रेस समेत 22 राजनीतिक दलों ने भारत बंद का आह्वान किया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक देश भर में इस बंद का खासा असर देखने को मिल रहा है.
बंद के तहत जहां दिल्ली में हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए. वहीं, देश के दूसरे भागों में भी बंद का आम जीवन पर प्रभाव पड़ता दिख रहा है. कई जगहों से सड़क-हाइवे जाम किए जाने, रेल रोके जाने और बस सेवा बंद किए जाने की खबरें आ रही हैं.
पूर्वोत्तर के भाजपा शासित राज्य असम और अरुणाचल प्रदेश में भी बंद का खासा असर देखने की ला है.
अरुणाचल प्रदेश में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया है. राजधानी ईटानगर में सडको पर टायर जला कर रास्ता जाम किया गया. बंद के दौरान सड़कों पर वाहन नहीं चले, बाज़ार, दुकाने, निजी संस्थान, बैंक, स्कूल और पट्रोल पम्प बंद रहे. महिला कांग्रेस के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में बाहर आ कर प्रदर्शन किये और सरकार के विरोध में नारे लगाये. लम्बी दूरी की बसें भी नहीं चलीं जिस से यात्रीयों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
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असम में बंद का खासा असर देखने को मिल रहा है. यहां सड़क व हाइवे बंद करने के प्रयास के चलते कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. हालांकि असम पुलिस के महानिदेशक कुलाधर सैकिया ने बताया कि इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा की घटना नहीं हुई है. डिब्रूगढ़ , तिनसुकिया, जोरहट से भी बंद बंद की खबरें मिल रही हैं. बंद के कारण रेलवे को कई ट्रेने रद करनी पड़ी हैं. तिनसुकिया में बड़ी संख्या में महिला कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाते देखी गयीं. राजधानी गुवाहाटी में सड़कें सुनसान रहीं. निजी वाहन नहीं चले. हालांके सरकारी बसें सड़कों पर दौडती दिखाई दी लेकिन यात्री नदारद थे. बाज़ार, दुकाने, बैंक स्कूल और निजी संस्थान बंद रहे. कुल मिला कर बंद का अच्छा खासा असर देखने को मिला.
पूर्वोत्तर के दुसरे राज्यों से भी बंद के सफल होने की खबरें मिल रही हैं.