असम: कांग्रेस की तरह बीजेपी को भी सिखाएंगे सबक- आदिवासी नेता
वर्ष 2014 में कांग्रेस को सबक सिखाए थे इस बार लोकसभा चुनाव में बीजीपी को भी सबक सिखाएंगे – आदिवासी नेता
कोकराझार
असम के आदिवासी नेताओ ने कहा है कि जनजातिकरण की उन की मांग को केंद्र सरकार पूरा नहीं कर रही है । जब की सत्ता में आने से पहले बीजीपी द्वारा उन्हें आश्वासन दिया था कि असम के आदिवासीयों को असम में जनजातिकरण का दर्जा दिया जाएगा लेकिन ऐसा अभी तक नही हुवा है ।
इसलिए हम जिस तरह से वर्ष 2014 में कांग्रेस को सबक सिखाये थे 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजीपी को भी वैसा ही सबक सिखाएंगे । यह आदिवासी नेता असम के कोकराझार में एक शोक सभा को संबोधित कर रहे थे।
बता दें की कोकराझार जिले के सेलगांव जबरागुरी में आदिवासी सेवा समित्ती पिछले 20 वर्षों से हर वर्ष 6 सितंबर को एक शोक सभा का आयोजन करता है. यह शोक सभा समित्ती के संस्थापक सचिव सतेन्द्र सोरेन और उन के चार वर्ष के पुत्र बिनय सोरेन समेत चार लोगों की हत्या कर दी गयी थी. इन चारों की हत्या 6 सितंबर 1998 को की गयी थी. उस के बाद से ही हर वर्ष यहाँ शोक सभा का आयोजन किया जाता है.
इस वर्ष भी शोक सभा का आयोजन किया गया था जिसे में शामिल होने के लिए दर्जनों आदिवासे नेता उपस्थित थे.
आज सुबह 8:00 बजे एएनसी के अध्यक्ष बोयल हेमरोम ने झंडा फहराया इसके बाद सतिन्द्र सोरेन ओर बिनय सोरेन के समाधि स्थल में फूल अपर्ण किया गया.
इसके बाद आमगुरी महामिलन मैदान में एक खुली सभा का आयोजन किया गया इस सभा मे अतिथि के रूप में बिटीसी के कार्यकारी सदस्य डोनेस्वर गोयारी , एएनसी के नेता बिर सिंह मुंडा , प्रेम हांसदा , बोयल हेमरोम उपास्थित थे ।
इसी सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी नेताओं ने बीजेपी सरकार के प्रती अपनी नाराजगी प्रकट किये और आने वाले लोक सभा में चुनाव में पार्टी को सबक सिखाने की बात कही.
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