असम में सुसाइड गेम ब्लू ह्वेल चैलेंज का पहला मामला, किशोर अस्पताल में भर्ती
गुवाहाटी
सुसाइड गेम के नाम से विश्व में प्रसिद्द ‘ब्लू ह्वेल चैलेंज’ ने अब असम के एक किशोर की जान लेने की कोशिश की है| असम में ब्लू ह्वेल चैलेंज नामक सुसाइड गेम का यह पहला मामला गुवाहाटी में सामने आया है जहाँ एक 17 वर्षीय किशोर ने नुकीले धारदार चीज से अपने हाथों में ह्वेल मछली की छवि उकेरकर लहूलुहान कर लिया है|
घटना के बाद किशोर को फौरन जीएमसीएच में भर्ती कराया गया| दसवीं कक्षा के इस छात्र की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है| 50 दिनों वाले इस जानलेवा खेल में किशोर 40 वें पायदान पर था|
ब्लू ह्वेल चैलेंज दरअसल एक ऐसा खेल है जो आपके बच्चों की जान तक ले सकता है| जब इस गेम को खेलना शुरू किया जाता है तो एक मास्टर मिलता है| 50 दिन का यह सुसाइड चैलेंज बच्चों को लगातार कोई टास्क देता है, जो कि उन्हें रात-रात में जाग कर पूरा करना होता है| यही मास्टर अगले 50 दिन तक यूजर को कंट्रोल करता है| हर रोज यूजर को एक टास्क दिया जाता है| ज्यादातर टास्क ऐसे होते हैं, जिनमें खुद को नुकसान पहुंचाना होता है| गेम में 50 वें दिन खेलने वाले को जान देकर विजेता बनने की बात कही जाती है|
यह गेम दुनियाभर में अब तक 130 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका हैं| इस खेल की शुरुआत 2013 में रूस में हुई थी| सोशल नेटवर्किंग साईट के एक ग्रुप 57, जिसे डेथ ग्रुप कहा जाता था, की वजह से पहली मौत 2015 में हुई| रूस की एक यूनिवर्सिटी से बाहर किए गए स्टूडेंट फिलिप बुदेकिन ने दावा किया था कि उसने यह खेल बनाया है| उसके मुताबिक उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह चाहता था कि समाज साफ हो जाए|
बुदेकिन को 16 टीनेजर्स को ख़ुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर 3 साल की सजा सुनाई गई थी|