असम में पहली बार प्रिजन इंटरवेंशन प्रोजेक्ट, गुवाहाटी के सेंट्रल जेल में लांच

गुवाहाटी
एड्स के प्रति कैदियों में जागरूकता लाने के लिए पहली बार असम में प्रिजन इंटरवेंशन प्रोजेक्ट को बतौर पायलट प्रोजेक्ट गुवाहाटी के सेंट्रल जेल में लांच किया गया है| राज्य के कारागार विभाग ने असम स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (ASACS), नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाईजेशन (NACO) और इम्मानुएल हॉस्पिटल एसोसिएशन के साथ मिलकर प्रिजन इंटरवेंशन प्रोजेक्ट को लांच किया है|
प्रिजन इंटरवेंशन प्रोजेक्ट यानी PIP का लक्ष्य राज्य स्तर पर चल रहे एचआईवी/एड्स इंटरवेंशन प्रोग्राम को केंद्रीय और जिला कारागारों में कैद कैदियों के पास लाना है| इम्मानुएल हॉस्पिटल एसोसिएशन के रेबेका ने कहा, “हमें अभी यह नहीं पता कि असम के जेलों में कितने एचआईवी संक्रमित कैदी है| हमने अभी यह प्रोजेक्ट शुरू ही किया है| हम इंटरवेंशन प्रोग्राम के जरिए उनसे बात करेंगे|”
इस प्रोग्राम के जरिए एचआईवी संक्रमित कैदियों को निःशुल्क काउंसेलिंग और दवाईयां मिलेंगी| एक बार यह प्रोजेक्ट शुरू हो गया तो असम के सभी जेलों में इसे लागू कर दिया जाएगा| PIP जेल में कैद ड्रग्स की लत के शिकार कैदियों को oral/opiod substitution therapy (OST) उपलब्ध कराएगी| पूर्वोत्तर में असम ही वह आखिरी राज्य है जहाँ PIP को लांच किया गया है| पिछले साल इसे नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और मेघालय में लागू किया गया था|
PIP प्रोजेक्ट, प्रोजेक्ट सनशाइन का ही एक हिस्सा है| पूर्वोत्तर राज्यों में एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता लाने और संक्रमित लोगों के लिए इंटरवेंशन प्रोग्राम शुरू करने के लक्ष्य से यह प्रोजेक्ट हाथ में लिया गया था| प्रोजेक्ट सनशाइन के डिप्टी टीम लीडर कैलाश दित्या ने कहा, “हम एचआईवी संक्रमित कैदियों को जेल के बाहर अस्पताल में नहीं ले जाएंगे| PIP के जरिए हम मोबाइल इंटीग्रेटेड काउंसिलिंग और टेस्टिंग सेंटर को जेल में ले आएंगे| ऐसा आमतौर पर देखा जाता है कि जेल में एड्स के हाई रिस्क ग्रुप के कैदी भी होते है जैसे कि महिला देह व्यवसायी आदि| PIP का लक्ष्य इन कैदियों के साथ बातचीत कर उन्हें इंटरवेंशन प्रोग्राम में शामिल करना है|”
एड्स कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के लिए शुरू किए गए प्रोजेक्ट सनशाइन को यूएसए की फेडेरल एजेंसी सेंटर का समर्थन हासिल है और इसे फॅमिली हेल्थ इंटरनेशनल 360 नामक एक वैश्विक विकास संघ ने लागू किया है|