गुवाहाटी
सरकार ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी NRC ) का फाईनल ड्राफ्ट जारी कर दिया है. करीब 3.29 करोड़ लोगों ने इस सूची के लिए आवेदन किया था जिस में से 28983607 लोगों के नाम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल किया गया है, जब की 40 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं हुए हैं.
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया शैलेख ने सोमवार को कहा है कि जिन लोगों का नाम इस सूची में शामिल नहीं है उन्हें पर्याप्त मौका दिए जाएगा ताकि वह अपने दावे और विरोध दर्ज करा सकें.
उधर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ लोग बेवजह भय का वातावरण पैदा कर रहे हैं. यह एक ड्राफ्ट है ना कि अंतिम गलत जानकारियों को नहीं फैलाया जाना चाहिए. .
आवेदक अपने नामों को सूची में देख सकते हैं। इसमें आवेदकों का नाम, पता और तस्वीर शामिल होगा। एनआरसी में उन सभी भारतीय नागरिकों के नामों को शामिल किया गया है जो 25 मार्च, 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं.
राज्य सरकार ने भी कहा कि मसौदा में जिनके नाम उपलब्ध नहीं होंगे उनके दावों की गुंजाइश होगी. उन्हें (महिला/पुरूष) संबंधित सेवा केन्द्रों में निर्दिष्ट फॉर्म को भरना होगा. ये फॉर्म सात अगस्त से 28 सितंबर के बीच उपलब्ध होंगे. इसके बाद अगले कदम के तहत उन्हें अपने दावे को दर्ज कराने के लिए अन्य निर्दिष्ट फॉर्म भरना होगा, जो 30 अगस्त से 28 सितंबर तक उपलब्ध रहेगा. एनआरसी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में अपडेट किया जा रहा है.
UPDATE
04:30 pm
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के अंतिम मसौदे के प्रकाशन पर एक ओर जहां असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल ने राज्य की जनता को बधाई दी हैं। वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे बंगाली समाज पर हमला बताया है.
- सोनेवाल ने कहा है कि ‘सुप्रीम कोर्ट के सीधे निर्देश में राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों और भारत के रजिस्ट्रार जनरल के सहयोग से सोमवार को अंतिम ड्राफ्ट प्रकिशत हो सका है।’ उन्होंने कहा कि ‘इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए, मैं NRC अपडेट करने की प्रक्रिया में लगे 55000 अधिकारियों और राज्य के बराक ब्रह्मपुत्र घाटियों, मैदानों और पहाड़ियों में रहने वाले लोगों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. ‘