गुवाहाटी
असम में जारी किये गए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का असर अब राजनीति पर नज़र आने लगा है. कल बीजेपी के एक विधायक के खिलाफ FIR दर्ज करवाया गया था और आज पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ FIR दर्ज करवाया गया हैI
गुवाहाटी उच्च न्यायालय के वकील तैलेंद्र नाथ दास की शिकायत के आधार पर पुलिस ने यह एफआईआर दर्ज किया है।
NESamachaar से बात चीत करते हुए तैलेंद्र नाथ ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ” उन्हों ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर भड़काऊ भाषण दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार असम से बंगालियों को खदेड़ने की साजिश में जुटी है। यही नहीं सीएम ने केंद्र को चेतावनी भी दी थी कि उसे आग से नहीं खेलना चाहिए “।
बुधवार को पश्चिम बंगाल के अहमदपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि लोग रोजी-रोटी कमाने के लिए असम गए हैं। लेकिन एनआरसी के बहाने उनको वहां से खदेड़ने की योजना बन रही है। ममता ने कहा था कि सरकार को बांटों व राज करो की नीति का पालन नहीं करना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि लोग रोजगार की तलाश में एक से दूसरे राज्य में जाते रहते हैं। धीरे-धीरे वे वहां बस जाते हैं। बंगाल में दूसरे राज्यों के लाखों लोग रहते और नौकरी करते हैं।
उन्होंने दावा था किया कि तृणमूल कांग्रेस आम लोगों के हित में आवाज उठाने वाली अकेली पार्टी है। ममता ने कहा कि पार्टी आम लोगों के हित में आवाज उठाती रहेगी और अगर उनके साथ कुछ गलत हुआ तो चुप नहीं बैठेंगी।
बता दें कि असम के मूल नागरिकों की पहचान के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में वर्ष 1951 में तैयार एनआरसी को अपडेट करने की कवायद चल रही है। इसका पहला मसौदा 31 दिसंबर की आधी रात को प्रकाशित किया गया है। पहले मसौदे में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ के नाम शामिल हैं।