कामरूप जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीब सैकिया ने सनाउल्लाह को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि करते हुए कहा, ‘विदेशी न्यायाधिकरण ने उन्हें विदेशी घोषित किया है और हम कानून का पालन करेंगे.’
गुवाहाटी
करगिल युद्ध के सेनानी तथा पूर्व सेना अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी न्यायाधिकरण ने विदेशी घोषित किया किया है. इसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर हिरासत शिविर भेज दिया गया.
विदेशी न्यायाधिकरण, कामरूप (ग्रामीण) ने इस साल 23 मई को असम पुलिस की सीमांत विभाग में सहायक उपनिरीक्षक(एएसआई) के पद पर तैनात सनाउल्लाह को विदेशी घोषित किया था. उनके परिवार के सदस्यों और वकील का कहना है कि सनाउल्लाह भारतीय नागरिक हैं और इसका पता उनके पूर्वजों के दस्तावेजों से आसानी से लगाया जा सकता है.
कामरूप जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीब सैकिया ने सनाउल्लाह को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि करते हुए कहा, ‘विदेशी न्यायाधिकरण ने उन्हें विदेशी घोषित किया है और हम कानून का पालन करेंगे.’
पुलिस के हवाले से पता चला है कि 2008 में सनाउल्लाह का नाम मतदाताओं की सूची में ‘डी’ मतदाता के रूप में दर्ज किया गया था.
उनके वकील सहिदुल इस्लाम ने कहा कि सनाउल्लाह को मंगलवार को हिरासत में लिए जाने के बाद कोकराझार में हिरासत शिविर भेजा गया. उन्हें पिछले साल विदेशी न्यायाधिकरण से नोटिस मिला था और वह पहली बार 25 सितंबर 2018 को न्यायाधिकरण के समक्ष पेश हुए थे.
सनाउल्लाह ने शिविर में जाने से पहले पत्रकारों से कहा कि वह एक भारतीय नागरिक हैं और उनके पास नागरिकता संबंधी सभी आवश्यक दस्तावेज हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने देश की सेना में 30 वर्षों (1987-2017) तक इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में सेवा की और सेवानिवृत्ति से पहले उन्हें अवेतनिक कप्तान का पद मिला था। 2014 में उन्हें राष्ट्रपति के पदक से सम्मानित किया गया था। सेना से सेवानिवृत्ति के बाद वे असम पुलिस की सीमांत शाखा में तैनात हुए।
उनकी बेटी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पिता ने न्यायाधिकरण को अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज दिए थे, जिसमें मतदाता कार्ड और पैतृक संपत्ति के दस्तावेज शामिल थे.