असम NRC के फाइनल ड्राफ्ट में असम की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री रहीं सैयदा अनवरा तैमूर का नाम भी भी शामिल नहीं है.
गुवाहाटी
असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) का फाइनल ड्राफ्ट सोमवार को जारी होने के बाद 40 लाख से ज्यादा लोगों का भविष्य अधर में लटक गया है. ये ऐसे लोग हैं जिनका नाम ड्राफ्ट में शामिल नहीं है. इन्हीं लोगों में असम की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री रहीं सैयदा अनवरा तैमूर का नाम भी भी शामिल नहीं है.
ख़बरों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में रह रही हैं अनवरा अब NRC में अपने और अपने परिवार का नाम दर्ज कराने के लिए वापस भारत आने वाली हैं.
असम की पूर्व मुख्यमंत्री ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘यह निराशाजनक है कि मेरा नाम सूची में नहीं है. मैं अगस्त के आखिरी हफ्ते में असम लौटूंगी और राष्ट्रीय नागरिक पंजी में अपना और अपने परिवार का नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरु करुंगी.
’अनवरा तैमूर दिसंबर, 1980 से जून, 1981 तक असम की मुख्य मंत्री थीं. वह पिछले कुछ सालों से बीमार चल रही हैं और आस्ट्रेलिया में अपने बेटे के साथ रह रही हैं.
तैमूर ने कहा है कि उन्होंने अपने एक रिश्तेदार को एनआरसी में उनके परिवार को शामिल करने के लिए आवेदन जमा करने को कहा था लेकिन यह किसी कारण से हो नहीं सका.
इस बीच दिसपुर में राजधानी मस्जिद के समीप तैमूर का घर खाली पड़ा है. साल 1988 में तैमूर राज्यसभा सदस्य बनीं थीं और साल 1972, 1978, 1983 और 1991 में कांग्रेस में रहते हुए राज्य विधानसभा में चुनी गईं थी. साल 2011 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर एआईयूडीएफ में जॉइन कर लिया था.
वहीं एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट से सैयदा अनवरा तैमूर का नाम गायब होने को लेकर एनआरसी अधिकारियों ने कहा, ‘हमारे पास पूर्व मुख्यमंत्री के परिजनों का डेटा मौजूद नहीं है, जिसके कारण यह पता लगाना संभव नहीं है कि वह और उनके परिवार के सदस्यों ने एनआरसी ड्राफ्ट में नाम शामिल करने के लिए आवेदन किया था या नहीं.’