राज्य अतिथि गृह में बदलेगा अरुणाचल के मुख्यमंत्री का आधिकारिक बंगला

ईटानगर
अरुणाचल प्रदेश सरकार शीघ्र ही मुख्यमंत्री के आधिकारिक बंगले को राज्य अतिथि गृह में बदलने जा रही है| यह बँगला राज्य की राजधानी ईटानगर के नीति विहार इलाके में स्थित है| पिछले साल इसी बंगले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल ने आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद इसे अभिशप्त बँगला कहा जाने लगा|
पुल की आत्महत्या की घटना के ठीक दो महीने बाद बंगले का एक कर्मचारी भी वहीँ बगल के एक कमरे में छत से लटका हुआ पाया गया| इससे पहले भी मुख्यमंत्री के इस आधिकारिक बंगले में रह चुके प्रदेश के दो मुख्यमंत्री दोर्जी खांडू और जारबोम गामलिन भी असामयिक मौत के शिकार हो चुके है|
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प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चावना मेन ने अब इस बंगले को राज्य अतिथि गृह में बदलने की जानकारी दी है| उन्होंने कहा कि इस संबंध में फैसला किया जा चुका है| जल्द ही जरुरी मरम्मत का काम भी कराया जाएगा ताकि अतिथि गृह तीन-चार महीने में शुरू किया जा सके| मेन ने कहा कि चूँकि लोग इसे भूत बँगला मानते है इसलिए आशंकाओं और संदेहों को दूर कर्ण के लिए सरकार कुछ अनुष्ठान भी करवाएगी|
नबाम टूकी के कार्यकाल में ही गुवाहाटी के एक वास्तु विशेषज्ञ ने बंगले का निरिक्षण कर इसकी संरचना में दोष बताया था और जलस्रोत को मौजूदा दक्षिण-पश्चिम स्थान से हटाकर उत्तर-पूर्व करने सहित कुछ बदलावों का सुझाव दिया था| लेकिन उस समय वास्तु विशेषज्ञ की बात पर ख़ास ध्यान नहीं दिया गया| हालांकि एक के बाद एक हादसों ने अब सरकार को इस बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है|