नगालैंड में आफ्सपा कानून और 6 साल के लिए लागू
नगालैंड
नगालैंड में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी आफ्सपा को और 6 महीनों के लिए लागू कर दिया गया है| केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 30 दिसंबर को एक अधिसूचना के जरिए आफ्सपा कानून 1958 को पुरे नगालैंड में और 6 साल के लिए बढ़ा दिया है|
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्येन्द्र गर्ग के मुताबिक केंद्र सरकार का मानना है कि नगालैंड राज्य की स्थिति इतनी संवेदनशील और खतरनाक है कि वहां आफ्सपा कानून को जारी रखना आवश्यक है| वहीँ पूर्वोत्तर राज्यों के नागरिक समाज, राजनीतिक पार्टियों ख़ास तौर से जनजातियों की पार्टियों ने इस कानून को तानाशाही माना है| इस कानून के तहत बगैर पूर्व सूचना के सेना तथा अर्ध-सैनिक बल संवेदनशील इलाकों में अभियान चला सकती है| इस कानून की ही वजह से कई बेकसूरों की जान भी गई|
आफ्सपा कानून नगालैंड के अलावा मणिपुर (इंफाल म्युनिसिपल काउंसिल एरिया को छोड़कर), असम के कुछ हिस्सों और अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों में लागू है| मणिपुर की लोह मानवी इरोम शर्मिला ने इस कानून को वापस लेने की मांग में ही सन 2000 से अगस्त 2016 तक लगातार भूख हड़ताल किया|
इधर वामपंथियों के शासन में मई 2015 में त्रिपुरा से आफ्सपा कानून वापस ले लिया गया था जो कि 19 साल पहले आतंकवाद से निपटने के लिए त्रिपुरा राज्य में लागू किया गया था|