अरुणाचल: भारत ने तवांग में चीन सीमा के पास रोपवे का निर्माण कार्य शुरू किया
पाँच सौ बाईस करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 5.2 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना विश्व प्रसिद्ध तवांग मठ से पीटी त्सो झील तक होगी और अगले तीन वर्षों के भीतर विकसित की जाएगी।
ईटनगर- भारत India ने अरुणाचल प्रदेश Arunachal Pradesh में चीन सीमा China Border के पास तवांग मठ Tawang Monastery से पी टी त्सो झील तक पाँच सौ बाईस करोड़ रुपये की लागत से रोपवे Ropeway बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पाँच सौ बाईस करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 5.2 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना विश्व प्रसिद्ध तवांग मठ से पीटी त्सो झील तक होगी और अगले तीन वर्षों के भीतर विकसित की जाएगी।
आप को बताया दें की चार सौ साल पुराना तवांग मठ, देश का सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा मठ है जो दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह तवांग टाउन से लगभग दो किलोमीटर दूर चीन और भूटान सीमाओं के बहुत करीब है।
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पी टी त्सो झील तवांग से लगभग अठारह किलो मीटर दूर बारह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
तवांग से सड़क द्वारा झील तक की यात्रा करने में करीब आधे घंटे का समय लगता है लेकिन रोपवे बंजाने से केवल पाँच मिनट में तवांग से इस झील तक पहुँच जा सकेगा।
इस रोप वे के बन जाने से इलाके में टुरिज़म को बढ़ावा मिलेगा और यहाँ आने वाले पर्यटक रोप वे के माध्यम से तवांग की ऊंची ऊंची पहाड़ियों और सुंदरता का भरपुर आनंद उठा सकेंगे।
कुछ दिन पहले ही प्रधान मंत्री नरेंद्र ने सेला टनल का उद्घाटन किया था जिस के बाद चीन ने प्रधान मंत्री की अरुणाचल दौरे पर अपनी आपत्ति जतायी थी। जिसे भारत ने खारिज करते हुए कहा था की अरुणाचल प्रदेश भारत का अटूट अंग था, है और रहेगा।
अब तवांग में 522 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा रोपवे चीन के लिए एक करारा जवाब है।