NRC की फाइनल सूची के जारी होने के बाद भाजपा भी सकते में हैं. नागरिकता से बाहर हुए लोगों में सिर्फ मुस्लिम नहीं है. इसमें बंगाली हिंदू, असम के जनजातीय लोग और नेपाली भी हैं.
गुवाहाटी
By Manzar Alam, Founder Editor, Former Bureau chief ( Northeast) Zee News
31 अगस्त को जारी एनआरसी की फाइनल सूची में अब भी 19 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हैं । असम एनआरसी ( Assam NRC ) के फाइनल लिस्ट से ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू), यहाँ तक की सतारूढ़ बीजेपी BJP और असम सरकार के मंत्री भी संतुष्ट नहीं है। आसू ने एक बार फिर इस एनआरसी सूची के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।
आसू के नेताओं ने मीडिया से कहा है कि, हम इस सूची से बिल्कुल सहमत नहीं है। ऐसा लगता है कि अद्यतन प्रक्रिया में कुछ खामियां हैं। हम मानते हैं कि एनआरसी अपूर्ण है। हम एनआरसी की खामियों को दूर करने के लिए उच्चतम न्यायालय से अपील करेंगे।
आसु असम आंदोलन का अगुवा रहा है। साल 1985 में हुए असम समझौते में आसू एक पक्षकार है जिसमें असम में रह रहे अवैध विदेशियों को पहचानने, हटाने और निकालने का प्रावधान है।
असम में एनआरसी को अद्यतन करने का काम उच्चम न्यायालय की देखरेख में किया जा रहा है ताकि केवल वास्तविक भारतीयों को ही शामिल किया जाए।
आसू के नेताओं ने मीडिया से कहा है कि , हम इस सूची से बिल्कुल सहमत नहीं है। ऐसा लगता है कि अद्यतन प्रक्रिया में कुछ खामियां हैं। हम मानते हैं कि एनआरसी अपूर्ण है। हम एनआरसी की खामियों को दूर करने के लिए उच्चतम न्यायालय से अपील करेंगे।
एनआरसी को लेकर को पक्ष कुछ नहीं है। इसके पक्ष और विपक्ष दोनों आखिरी सूची से खुश नहीं हैं। असम सरकार के सीनियर मंत्री और वरिष्ठ नेता हिमंता सरमा ने भी नाखुशी जताते हुए कोर्ट जाने की बात कही है।
NRC की फाइनल सूची के जारी होने के बाद भाजपा भी सकते में हैं. नागरिकता से बाहर हुए लोगों में सिर्फ मुस्लिम नहीं है. इसमें बंगाली हिंदू, असम के जनजातीय लोग और नेपाली भी हैं.
असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एन टीवी चैनल से बात चीत करते हुए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की सूची को “दोषपूर्ण” करार दिया और कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा राज्य के कुछ हिस्सों में सूची के पुनर्मूल्यांकन के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
उधर बीजेपी असम के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने गुवाहटी में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एनआरसी की फाइनल लिस्ट में आधिकारिक तौर पर पहले बताये गये आंकड़ों की तुलना में बाहर किये गये लोगों की बहुत छोटी संख्या बताई गई है. उन्होंने कहा, ‘हम इस NRC पर भरोसा नहीं करते हैं. हम बहुत नाखुश हैं. हम केंद्र और राज्य सरकारों से राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी तैयार किये जाने की अपील करेंगे.’