नई दिल्ली
हिरासत में हुई मौत के मामले में पूर्वोत्तर राज्यों में असम टॉप पर है. जबकी दुसरे नम्बर पर अरुणाचल और त्रिपुरा है. और सब से आख़िरी स्थान में नागालैंड और सिक्किम हैं.
एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स ने मंगलवार को हिरासत में मौतों के जो आंकड़े जारी किए हैं उस के अनुसार पूर्वोत्तर भारत में असम टॉप पर है.
गृह मंत्रालय के आंकड़े देखें तो 1 अप्रैल 2017 से लेकर 28 अप्रैल 2018 के बीच असम में (37), अरुणाचल प्रदेश में (6), त्रिपुरा में (6), मेघालय में (4), मिजोरम में (3), मणिपुर में (2), सिक्किम में (2) और नगालैंड में (2) मौते हुईं.
एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स ने मंगलवार को हिरासत में मौतों के जो आंकड़े जारी किए हैं वह चौकाने वाले हैं. गृह मंत्रालय के आंकड़े देखें तो 1 अप्रैल 2017 से लेकर 28 अप्रैल 2018 के बीच 1,530 मौतें न्यायिक हिरासत में और 144 मौतें पुलिस हिरासत में हुईं.
334 दिनों में कुल 1,674 मौते हुईं. इनका औसत देखें तो भारत में रोज पांच लोगों को हिरासत में मौत हुई.
जहां देश के ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं वहीं उत्तर प्रदेश के लिए ये शर्मनाक हैं. गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बीते मार्च में जो आंकडे़ पेश किए उसमें यूपी हिरासत में मौतों के मामले में टॉप पर है.
उत्तर प्रदेश में इस दौरान 374 लोगों की हिरासत में मौत हुईं. वहीं दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां 137 लोगों ने हिरासत में दम तोड़ा.
हिरासत में मौत के मामले में तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है जहां 132 लोगों की हिरासत में मौत हुई.
पंजाब (128), मध्य प्रदेश (113), बिहार (109), राजस्थान (89), तमिलनाडु (76), गुजरात (61), ओडिशा (56), झारखंड (55), छत्तीसगढ़ (54), हरियाणा (48), दिल्ली (47), असम (37), आंध्र प्रदेश (35), उत्तराखंड (17), तेलंगाना (17), कर्नाटक (15), हिमाचल प्रदेश (8), अरुणाचल प्रदेश (6), त्रिपुरा (6), जम्मू-कश्मीर (4), मेघालय (4), मिजोरम (3), मणिपुर (2), चंडीगढ़ (2), सिक्किम (2) और नगालैंड (2) मौते हुईं.