गुवाहाटी
सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत के बंगलादेशी और AIUDF वाले ब्यान पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी के बाद अब AIUDF अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने भी सवाल उठाया है.
बदरुद्दीन अजमल ने ट्वीट में कहा है कि “जनरल बिपिन रावत ने एक राजनीतिक बयान दिया है, जो चौंकाने वाला है”. आगे उन्हों ने कहा है कि “लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर आधारित एक राजनीतिक पार्टी भाजपा की तुलना में तेज़ी से बढ़ रही है तो इस की चिंता सेना प्रमुख को क्यों है”. बदरुद्दीन अजमल ने ट्वीट के तीसरे लाएं में लिखा है कि “बड़ी पार्टियों के गलत व्यवहार की वजह से AIUDF, और AAP जैसी चोटी पार्टियां बड़ी हो गयी हैं”.
Gen Bipin Rawat has made a political statement, shocking! Why is it a concern for the Army Chief that a political party, based on democratic & secular values, is rising faster than BJP? Alternative parties like AIUDF, AAP have grown because of the misgovernance of big parties.
1— Maulana Badruddin Ajmal (@BadruddinAjmal) February 22, 2018
बता दें कि एक सेमिनार के दौरान आर्मी चीफ ने बांग्लादेशी घुसपैठ और जनसांख्यिकी परिवर्तन को समझाने के लिए उदाहरण देते हुए बयान दिया कि हमारे देश में जितनी तेजी से बीजेपी का विस्तार नहीं हुआ है उससे भी तेजी से असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ बढ़ी है. जनरल रावत ने नॉर्थ ईस्ट राज्य असम के जिलों में मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ का उभार 1980 के दशक से भाजपा के विकास से अधिक तेज रहा. इसके साथ ही उन्होंने जमीन पर कब्जा जमाना भी घुसपैठ का बड़ा कारण बताया है.
AIUDF (All India United Democratic Front) have grown in a faster time-frame than the BJP grew over the years. When we talk of Jan Sangh with two MPs & where they have reached, AIUDF is moving at a faster pace in the state of Assam: Army Chief General Bipin Rawat (21.02.18) pic.twitter.com/XUIlBDhef6
— ANI (@ANI) February 22, 2018
सेना प्रमुख ने 1984 में भाजपा के महज दो सीटें जीतने का जिक्र करते हुए कहा, ‘एआईयूडीएफ नामक एक पार्टी है. यदि आप उस पर नजर डालें तो आप पायेंगे कि भाजपा को उभरने में सालों लग गए, जबकि वह बिल्कुल कम समय में उभरी.’ उन्होंने कहा, ‘एआईयूडीएफ असम में तेजी से बढ़ रही है.’ यह दल मुस्लिमों के पैरोकार के रुप में 2005 में बना था और फिलहाल लोकसभा में उसके तीन सांसद और असम विधानसभा में 13 विधायक हैं.
सेना प्रमुख के इस बयान के बाद बवाल मच गया है. उनके इस बयान पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि आर्मी चीफ को राजनीतिक मामलों पर हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. सेना हमेशा एक निर्वाचित नेतृत्व के अंतर्गत काम करती है इसलिए हमारा संविधान उन्हें राजनीतिक मामलों में बोलने की इजाजत नहीं देता है.