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तामांग के ब्यान पर सिक्किम और गोरखालैंड में तीखी प्रतिक्रिया

गंगटोक

सर्दी के इस मौसम में पहाड़ी राज्य सिक्किम समेत गोरखालैंड की भी राजनैतिक हवा गरम होने लगी है. कारण है गोरखा जन मुक्ती मोर्चा के अध्यक्ष विनय तामांग का वह ब्यान जिस में उन्हों ने सिक्किम सरकार को दार्जिलिंग के राजनैतिक मामलों में हस्त्क्षेप न करने की चेतावनी दी थी.

बता दें कि  दो दिन पहले सुकना में गोरखा जन मुक्ती मोर्चा की एक जनसभा के संबोधित करते हुए विनय तामांग द्वारा पड़ोसी राज्य सिक्किम से दार्जिलिंग के मामले में हस्तक्षेप न करने की नसीहत देने के बाद सर्दी के इस मौसम में राजनीतिक हवा  गरम होने लगी है.

सिक्किम के संबंध में तामांग के बयान को राजनीतिक अपरिपक्वता करार देते हुए इस चेतावनी के जवाब में मंगलवार को जनांदोलन पार्टी प्रमुख डा हर्क बहादुर क्षेत्री ने कहा कि सिक्किम और दार्जिलिंग का संबंध खून और संस्कृति का है जिसे कोई तोड़ नहीं सकता है.  उन्होने कहा कि दार्जिलिंग के साथ सिक्किम

क्षेत्री ने इतिहास याद दिलाते हुए कहा है कि एक समय में गोजमुमो ने ही सिक्किम विधानसभा में अलग राज्य का बिल पास होने पर मोर्चा ने सिक्किम सरकार का स्वागत व सम्मान किया था.  जाप अध्यक्ष ने कहा कि पड़ोसी राज्य कभी भी दार्जिलिंग के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है. उन्होने कहा कि प्रमाण के तौर पर जहां संविधान के अनुसार भारत का कोई भी राजनीतिक दल किसी भी राज्य में जाकर अपनी पार्टी के कार्य को बढ़ा सकता है किंतु सिक्किम की सत्ताधारी दल एसडीएफ ने कभी भी दार्जिलिंग में ऐसा नहीं किया.

जाप प्रमुख ने कहा कि सिक्किम एकमात्र ऐसा राज्य है जहां का मुख्यमंत्री गोरखा जाति का है. उन्होने जनसभा में तामांग द्वारा भाजपा और सिक्किम पर निशाना साधने के पीछे बंगाल सरकार और तामांग की मिलीभगत का नतीजा बताया.

क्षेत्री ने कहा कि चामलिंग एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो दार्जिलिंग समस्या सीधे प्रधानमंत्री के समक्ष रख चुके हैं. जाप प्रमुख ने कहा कि गोरखालैंड मुद्दे पर अब तक सिक्किम के ही सांसदों ने दिल्ली में उठाई है जबकि पहाड़ के अपने सांसद तो इस मामले पर कभी नहीं बोले. उन्होने राजनीतिक अनुमति न देने के मामले में राज्य सरकार पर भी हमला बोला.

वहीं तामांग के बयान पर गल्फ पार्टी सचिव रसीका क्षेत्री ने भी तामांग के बयान की भ‌र्त्सना की. उन्होने तामांग जैसे नेताओं से शर्मिदा होने की बात कही.

अखिल भारतीय गोरखा लीग के सचिव प्रताप खाती ने कहा कि जब सिक्किम के मुख्यमंत्री नरबहादुर भंडारी थे तभी से पड़ोसी राज्य गोरखालैंड की लड़ाई में सहयोग किया है. खाती ने मुख्यमंत्री पवन चामलिंग की सराहना करते हुए कहा कि चामलिंग एक मात्र गोरखा मुख्यमंत्री होने के साथ ही अपने राज्य की 25 वर्षो से सेवा कर रहे हैं. खाती ने तामांग पर हमला बोलते हुए कहा कि वो मात्र बंगाल सरकार के सेवक हैं तथा चामलिंग एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं ऐसे में तामांग द्वारा चामलिंग पर दिया बयान अशोभनीय है.

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