Guwahati
By Manzar Alam, Founder Editor, NESamachar
UP चुनाव ने बता दिया- देश में एक ही नेता है जिस का नाम है नरेंद्र मोदी. जी हाँ असम के बाद उत्तर प्रदेश में बीजेपी की भारी जीत से यह तो साफ़ हो गया है कि आज की तारीख में देश में केवल एक ही नेता है जिस का नाम है नरेंद्र मोदी. राजनैतिक पंडितों का यह अनुमान भी गलत साबित हुआ कि नोट बंदी से परेशान हुई जनता अब मोदी से दूर हो गयी है. अगर कोई दूसरा नेता होता तो कम से कम वह मोदी के आस पास होता. लेकिन यहाँ तो दूर दूर तक किसी भी पार्टी का कोई भी नेता दिखाई नहीं देता है. यह भी सोला आना सही है कि जनता ने वोट बीजेपी को नहीं बल्की नरेंद्र मोदी को दिया है. क्योंकी लोक सभा का चुनाव हो या असम का विधान सभा चुनाव और उस के बाद उत्तरप्रदेश का चुनाव, चेहरा एक ही था नरेंद्र मोदी का जो जनता के दिल में बस गया.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 बीजेपी के लिए अब तक की सबसे बड़ी जीत है. वर्ष 1991 में जब पूरे देश में राम लल्ला की लहर थी तब भी बीजेपी को इतनी सीटें नहीं मिली थीं जितना मोदी लहर में मिली है. सभी एक्जिट पोल भी मुंह के बल गिर गए क्योंकि सभों ने बीजेपी को सब से बड़ी पार्टी के रूप में जीत हासिल करने का आकलन किया था लेकिन इतनी बड़ी बहुतमत के साथ बीजेपी की जीत होगी यह किसी ने नहीं सोचा था.
कांग्रेस देश भर में जनता से दूर हो रही है. सोचा था अखिलेश के साईकल पर सवार हो कर कम से कम उत्तर प्रदेश के सत्ते के गल्यारे तक पहुँच जाएंगे लेकिन मोदी लहर ने साईकिल की ऐसी हवा निकाली की मरम्मत में कई वर्ष लग जायेंगे.
इस बार के चुनाव में जनता ने मुद्दा नहीं, पार्टी नहीं बलकी एक व्यक्ती को देखा जो उन्हें नरेंद्र मोदी के रूप मिला है. ऐसा व्यक्ती जो देश को बदलना चाहता है. सर्जिकल स्ट्राईक कर पाकिस्तान को सबक देना चाहता है. नोट बंदी कर काले धन पर रोक लगाना चाहता है. शायद यही वजह है की जनता ने ज़ात और धर्म से ऊपर उठ कर वोट डाले और मुस्लिम बाहुल इलाकों वाली सीटें भी बीजेपी के झोली में आ गयी.
हालांकी चुनाव प्रचार शुरू होते ही राज्य स्तर के स्थानीय नेता पार्टी के केन्द्रीय नेत्रित्व से नाराज़ थे क्योंकी पार्टी ने बहुत से बाहरी उमीदवारों को टिकट बांटे थे. शरुआती दौर में लगा था इस नाराजगी का खाम्याज़ा शायद बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है. लेकिन यहाँ भी दूर की नज़र रखने वाले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की नीती रंग लाई.
पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए अमित शाह के नेतृत्व में जो टीम बनाई थी, उस टीम ने कई छोटे-छोटे समूहों में जाकर मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में वोट डालने के लिए लामबंद किया. मीडिया की नजरों से दूर यह छोटे समूह लगातार पीएम मोदी लहर की विश्वनीयता को लोगों तक पहुंचाते रहे. नोटबंदी जैसे मुद्दों की काट को ढूंढने के लिए उसके फायदे क्या हैं, यह बताकर भाजपा के पक्ष वोट डालने के लिए माहौल बनाया.
आखिरकार मोदी का रोड शो और अमित शाह की टीम ने वोह कर दिखाया जिस के बाद आज हर कोई यह सोच रहा है की किया वाकई ” देश में एक ही नेता है जिस का नाम है नारेंद्र मोदी ” !!!!!!