नागरिकता पर रैली में हिंसा, आसू कार्यालय में तोड़-फोड़
सिलापथार
हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने के मुद्दे ने सिलापथार में तब हिंसक रूप ले लिया, जब इसके समर्थन में निकली रैली के दौरान आसू कार्यालय पर हमला बोला गया| शरारती तत्वों द्वारा आसू कार्यालय पर हमले की घटना के बाद सिलापथार में तेजी से हालत बिगड़ने लगे| स्थिति को काबू करने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर भी पथराव किया गया|
हालात बेकाबू होता देख जिला प्रशासन ने एहतियातन क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया है तथा अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है| इस बीच आसू के सलाहकार समुज्ज्वल भट्टाचार्य ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए चेतावनी दी है कि अगर आसू कार्यालय पर हमला करने वालों को शीघ्र ही नहीं पकड़ा गया तो स्थिति भयंकर हो सकती है| उन्होंने साथ ही स्पष्ट कर दिया कि आसू किसी भी सूरत में 1971 के बाद आये हिंदू शरणार्थियों को स्वीकार नहीं करेगा|
हिंसा में आसू के दो कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए हैं तथा हिंसा में शामिल एक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है| दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार नहीं करने पर आसू ने राज्यभर में आंदोलन की चेतावनी दी है| इधर घटना के बाद सिलापथार टाउन में कर्फ्यू लगा दिया गया है|
दरअसल निखिल भारत बंगाली समन्वय उदबासा समिति ने हिंदू-बांग्लादेशी शरणार्थियों को नागरिकता देने के मुद्दे को लेकर सिलापथार शहर में एक रैली निकाली थी| इस दौरान जब आसू कार्यालय के सामने से रैली गुजरी तब वहां उपस्थित आसू कर्मी और रैली में शामिल कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हो गई जिसने बाद में हिंसक रूप ले लिया|