सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस बर्दाश्त नहीं होगी – हिमंत
सिलचर
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि सरकारी डॉक्टरों द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा| उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए सरकार इन मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का वेतनमान नई दिल्ली की अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान के समान करने पर विचार कर रही है|
सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 200 बिस्तरयुक्त मां और शिशु स्वास्थ्य सेवा यूनिट का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा, ‘हम यह कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे कि सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर अपनी ड्यूटी छोड़कर प्राइवेट अस्पतालों में अपना समय बिताए| हमें आने वाले इन दो सालों में इस तरह के प्राइवेट प्रैक्टिसों को रोकना होगा| इसके लिए सरकार ने एक योजना बनाई है|”
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सिलचर के वरिष्ठ नागरिकों को लेकर एक कमिटी भी बनाई जाएगी जो सिलचर मेडिकल कॉलेज का रूटीन दौरा करेंगे और अपने अनुभवों के आधार पर बेहतर चिकित्सा की सलाह देंगे जिससे एसएमसीएच को देश के बेहतरीन अस्पतालों में से एक बनाया जा सके|
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि महज भवन का उद्घाटन कर देने से बेहतर चिकित्सा उपलब्ध नहीं कराई जा सकती अगर अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ में मरीजों के बेहतर इलाज का जज्बा ना हो| एसएमसीएच में 25 प्रतिशत Infant Mortality rate (IMR) पर चिंता जताते हुए डॉ. शर्मा ने कहा अगले दो साल में यह प्रतिशत घटाकर 10 तक लाने का प्रयास करना होगा|
स्वास्थ्य मंत्री ने बराक घाटी के लोगों को राज्य सरकार द्वारा 2016 के चुनाव से पहले किए गए वादे की भी याद दिलाई जिसके तहत सिलचर में Dental कॉलेज खोलने का वादा किया गया था और इस संबंध में उन्होंने सरकार की प्रतिबद्धता भी जताई|