तरुण गोगोई और प्रफुल महंत की सुरक्षा अब सीआरपीएफ के हवाले
गुवाहाटी
असम के दो पूर्व मुख्य मंत्री तरुण गोगोई और प्रफुल कुमार महंत के इर्द गिर्द ब्लैक कैट के कमांडो नहीं बल्की सीआरपीएफ़ के जवान नज़र आएँगे I दरअसल इन दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों तरुण गोगोई और प्रफुल्ल कुमार महंत की जेड प्लस वीवीआइपी सुरक्षा की श्रेणी और घटा दी गई है।
दोनों नेता हाल ही में एनएसजी कमांडो के सुरक्षा घेरे से बाहर किए गए हैं। अब इन दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के जवानों की जेड प्लस मोबाइल सुरक्षा सेवा उपलब्ध होगी। इसका मतलब है कि जब भी दोनों नेता अपने घरों में होंगे तो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ जवानों की नहीं होगी। लेकिन जब वह यात्रा कर रहें होंगे, तभी उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ दिनों पहले ही आदेश पारित किए हैं। इसमें कहा गया है कि सीआरपीएफ इन दोनों राजनीतिज्ञों की सुरक्षा का जिम्मा एनएसजी से लेकर खुद संभाल ले। बता दें कि जेड प्लस सुरक्षा के तहत दो श्रेणियां होती हैं। इनमें एक आवासीय परिसर, जबकि दूसरी “मोबाइल सुरक्षा” जैसा कि इस ताजा मामले में है। गृह मंत्रालय में खतरा आकलन समिति की हालिया बैठक के बाद दोनों नेताओं से एनएसजी सुरक्षा वापस ली गई थी।