सुबोध विश्वास भगोड़ा घोषित, 2 लाख का इनाम
गुवाहाटी
असम पुलिस ने सिलापथार कांड में मोस्ट वांटेड सुबोध विश्वास को भगोड़ा घोषित करते हुए उसे पकड़ने में मदद करने वाले को दो लाख रूपए देने का ऐलान किया है| राज्य के इस सबसे वांछित आरोपी की तलाश पुलिस अन्य राज्यों में भी कर रही है|
भगोड़ा घोषित विश्वास बजरंग नगर इलाके में एक निजी क्लिनिक चलाता था| पुलिस के मुताबिक बीते 6 मार्च को सिलापथार में आसू के कार्यालय पर हुए हमले का नेतृत्व सुबोध विश्वास ही कर रहा था| सुबोध निखिल भारत बंगाली उदबास्तु समन्वय समिति नामक संगठन का नेता है| इस संगठन की गतिविधियों पर भी राज्य सरकार ने रोक लगा दी है|
मिली जानकारी के अनुसार सुबोध विश्वास के नागपुर से गहरे संबंध है| नागपुर में आरएसएस का मुख्यालय भी है| हालाँकि संघ से उसके वर्तमान संबंधों की कोई पुष्टि नहीं हुई है| इन सूचनाओं के आधार पर ही असम पुलिस नागपुर और आस-पास के इलाकों में सुबोध की तलाश कर रही है| निखिल भारत बंगाली उदबास्तु समन्वय समिति का मुख्यालय नागपुर में ही है|
यह संगठन असम के डिटेंशन कैंपों में रखे गए बांग्लादेश से अवैध तरीके से आए बंगाली हिंदुओं को रिहा करने की मांग कर रहा है| उसका कहना है कि धार्मिक आधार पर अत्याचार के कारण हिंदुओं का यहाँ पलायन हो रहा है| उन्हें डिटेंशन कैंप में नहीं रखना चाहिए| केंद्र और राज्य सरकार भी बंगलादेशी हिंदुओं को मानवीयता के आधार पर भारतीय नागरिकता देने का पक्ष ले रही है|
इधर आसू समेत तमाम जातीय संगठन सरकार के इस फैसले का विरोध करते आए है| उनका कहना है कि 25 मार्च 1971 से लेकर अब तक बांग्लादेश से आने वाले किसी भी व्यक्ति को राज्य में नहीं रहने दिया जाएगा| निखिल भारत बंगाली उदबास्तु समन्वय समिति के सदस्यों ने इसी के विरोध में सिलापथार में आसू कार्यालय पर हमला किया था|