नमामि ब्रहमपुत्र उत्सव- तैयारियां अंतिम चरण पर
गुवाहाटी
By Ravi Ajitsariya
गुवाहटी में आगामी 31 मार्च से 4 अप्रैल तक आयोजित होने वाले ब्रह्मपुत्र नदी महोत्सव, नमामि ब्रहमपुत्र आयोजन के लिए जोर-शोर से तैयारियां चल रही है l फैंसी बाज़ार के एम्जी रोड पर ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे विशेष रूप से इस महोत्सव की तैयारियां की गयी है l
आयोजन समिति के प्रमुख आशुतोष अग्निहोत्री पूरी मुस्तैदी से आयोजन स्थल पर अपना कैंप लगायें हुए तैयारियों का जायजा ले रहें है l पर्यटन को बढावा देने के दृष्टि से और समस्त भारतवर्ष के लोगों को पूर्वोत्तर की लाइफलाइन कहलाने वाली नदी ब्रह्मपुत्र की महिमा के बारे में जानकारी देने और असम की कला, क्रिष्टि और संस्कृति की जानकारी देने के मकसद से पुरे असम में सदिया से धुबड़ी तक ब्रहमपुत्र के किनारे बसे शेरोन में इस तरह के महोत्सव आयोजित किये जा रहे है l
पूर्वोत्तर में इस तरह के आयोजन पहली बार हो रहा है, जिसके लिए यहाँ के लोगों में भारी उत्सुकता बनी हुई है l उद्घाटन सत्र, जो दोपहर २.४० बजे, भारत के राष्ट्रपति महामहिम प्रणव मुख़र्जी के कर कमलो द्वारा होगा, जिसमें सायंकल के समय ब्रह्मपुत्र की आरती की जाएगी जिसके लिए हरिद्वार से १४ पंडितों का आगमन यहाँ हो चूका है l इस महोत्सव में असम की संस्कृति की झलक, महाबाहु ब्रह्मपुत्र के तट पर दिखाई देगी l आयोजन के लिए फैंसी बाज़ार के नागरिकों ने हर संभव सहायत और भाग लेने का आश्वासन भी दिया है l
उल्ल्लेख्नीय है कि परिवहन विभाग के प्रबंध-निदेशक आनंद प्रकाश तिवाड़ी ने हाल ही में फैंसी बाज़ार में एक बैठक कर यहाँ के लोगों से सहयोग की अपील की थी l यहाँ की कई सामाजिक और व्यावसायिक संगठनों ने सहयोग का हाथ भी बढ़ाया है l गौरतलब है कि आगामी ३१ मार्च को देश के इस बड़े नदी महोत्सव का उद्घाटन बड़े धूम-धाम से होगा, जिसमे चाय से ले कर नृत्य और आतिशबाजी का आयोजन होगा l
यह भी आशा की जा रही है कि पुरे राज्य में इस महोत्सव के आयोजन से लोगों में नए उत्साह का संचार होगा l महोत्सव के दौरान बच्चों और छात्रों के लिए कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएगी , जिससे बच्चों के रुझान भी इस ओर बढ़ सके l
ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत में मानसरोवर के नजदीक हुवा है,और यह नदी तिब्बत, अरुणाचल, असम से होकर बंगाल से बहती हुई बंगाल की खाड़ी में जा गिरती है l इस नदी की लम्बाई २७०० किलोमीटर है l इतनी बड़ी नदी के किनारे, सैकड़ों नगर और कसबे बसे हुए है, जो इस नदी पर निर्भर है l विश्व के सबसे बड़े नदी द्वीप माजुली भी इस नदी में स्थित है l ऐसी नदी ले लिए स्तुति होना, वंदन होना, इस नदी के प्रति समर्पण है, जो इस वक्त पुरे असम में दिखाई दे रहा है l